Indian Navy: 'मित्र इसीलिए होते हैं...', भारत की मदद पर बुल्गारिया ने कहा शुक्रिया तो जयशंकर ने अलग अंदाज में दिया जवाब
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना का शौर्य एक बार फिर दिखा। भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर करीब 40घंटे तक ऑपरेशन चलाया गया। जिसमें चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित बचाया गया। इस ऑपरेशन में बचाए गए 17 सदस्यों में से कुछ बुल्गारिया के भी लोग थे जिसको भारत ने बचाया।इसके बाद बुल्गारिया ने भारत का धन्यवाद किया है जिसपर जयशंकर ने इसे दोस्ती का फर्ज बताया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना सिर्फ भारतीयों के लिए ही फरिश्ता बनकर उन्हें कहीं से भी बचाने का काम नहीं करते बल्कि उनकी नजरों में जिसे भी मदद की जरूरत हो भारतीय नौसेना वहां मौजूद होती है। कुछ ऐसा ही नजारा पिछले कई महीनों से देखने को मिल रहा है। जहां अरब सागर में कई समुद्री लुटेरों से लोगों को भारतीय नौसेना ने बचाया है। पिछले शनिवार भी एक बार अरब सागर में डाकुओं ने एक बार फिर आतंक मचाया तो भारतीय नौसेना लोगों के लिए दूत बनकर पहुंची।
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना का शौर्य एक बार फिर दिखा। भारतीय तट से लगभग 2,600 किमी दूर करीब 40 घंटे तक चलाए गए आपरेशन के दौरान उसने न केवल पूर्व माल्टीज ध्वज वाले अपहृत व्यापारिक जहाज एमवी रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को सुरक्षित रिहा कराया बल्कि 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को भी पकड़ लिया। इस ऑपरेशन में बचाए गए 17 सदस्यों में से कुछ बुल्गारिया के भी लोग थे जिसको भारत ने बचाया। इसके बाद बुल्गारिया ने भारत का धन्यवाद किया है जिसपर विदेश मंत्री जयशंकर ने इसे दोस्ती का फर्ज बताया है।
वहीं, भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा कि यह कार्रवाई हिंद महासागर में शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल करने के उसके संकल्प को दर्शाती है।विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले लगभग सात वर्षों में सोमाली समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को पहली बार इस तरह का आपेरशन चलाकर जब्त किया गया है। आपरेशन के दौरान नौसेना ने अपने स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आइएनएस कोलकाता, गश्ती जहाज आइएनएस सुभद्रा, लंबे समय तक चलने वाले सी गार्डियन ड्रोन का इस्तेमाल किया।
मालवाहक जहाजों पर बढ़ रहे हैं हमलें
यही नहीं, उसने सी-17 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर मार्कोस (विशिष्ट समुद्री कमांडो) को एमवी रुएन पर एयरड्राप किया। नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि रुएन की समुद्री योग्यता का आकलन किया जा रहा है और लगभग 10 लाख अमेरिकी डालर की कीमत वाले लगभग 37,800 टन माल ले जाने में सक्षम इस जहाज को सुरक्षित भारत लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाउती समर्थित आतंकियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं। पिछले कुछ समय से हिंद महासागर में समुद्री डकैती की घटनाएं बढ़ रही हैं।
यह भी पढ़ें- Indian Navy: वायुसेना की बड़ी उपलब्धि, C-17 विमान ने अरब सागर में उतारे दो लड़ाकू नौका; 17 बंधकों को कराया मुक्त