Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उड़ी के बाद आर्मी कैंप पर दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला: 5 जवान शहीद, जैश के 4 आतंकी ढेर

    By Nancy BajpaiEdited By:
    Updated: Sun, 11 Feb 2018 03:18 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया है। शनिवार सुबह पांच बजे करीब शुरू हुए इस आतंकी हमले में अबतक पांच जवान शहीद हो गए हैं।

    उड़ी के बाद आर्मी कैंप पर दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला: 5 जवान शहीद, जैश के 4 आतंकी ढेर

    जम्मू (जेएनएन/एएनआइ)। जम्मू कश्मीर के सुंजवां आर्मी कैंप में घुसे आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन अब भी जारी है। अब तक सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है, जबकि पांच शहीद हो गए हैं। वहीं एक आम नागरिक को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। आतंकियों को मार गिराने के लिए शनिवार सुबह सेना का ऑपरेशन शुरू हुआ था। फिलहाल सुंजवां आर्मी कैंप में एक से दो और आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच आर्मी चीफ बिपिन रावत भी जम्‍मू-कश्‍मीर पहुंच गए हैं और उनकी अगुवाई में सुरक्षा बल आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने में जुटे हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पांच जवान शहीद, चार आतंकी ढेर 

    जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया है। शनिवार सुबह पांच बजे करीब शुरू हुए इस आतंकी हमले में अबतक पांच जवान शहीद हो गए हैं, जबकि कुछ अन्‍य के घायल होने की खबर है। इनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमले में सेना के जवान की बेटी भी घायल हो गई है। हमले में एक नागरिक की मौत भी हो गई है। 

    उड़ी के बाद सैन्य शिविर पर दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला 

    लगातार दूसरे दिन भी आर्मी चीफ की निगरानी में सेना का ऑपरेशन जारी है। साल 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद यह दूसरा बड़ा हमला है। अब तक जैश के चार आतंकियों को मार गिराया गया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि अब भी एक या दो आतंकी शिविर के अंदर मौजूद हैं। इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि है कि ऑपरेशन अब भी जारी है। मुझे लगता है कि इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, जबकि ऑपरेशन चल रहा है। हमे यकीन है हमारे जवान सफलतापूर्वक इस ऑपरेशन को अंजाम देंगे। 

    कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'पूरे राष्ट्र को हमारी सुरक्षा बलों के पीछे एकजुट होकर खड़े होना चाहिए, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के नेता इस तरह की त्रासदी को राजनीति से जोड़ते हैं। हमारी सेना के लोगों के खून और पसीने पर राजनीति करने के लिए उनकी कड़ी निंदा करते हैं।' 

    पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा, 'यह निंदनीय हरकत है। ये हमला पाकिस्तान की कायरता को दर्शाता है जो सीधे तौर पर भारत का सामना नहीं कर सकता और मासूम नागरिकों पर हमला करने के लिए अपने लोगों (आतंकियों) को भेजता है। आर्मी कैंप के अंदर सेना के परिवार के क्वार्टर हैं, इसलिए सेना क्षेत्र को घेरने में सावधानी बरत रही है।'

    आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद 

    जानकारी के मुताबिक आतंकियों के पास एके-56 राइफल और भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं। आतंकियों के कब्‍जे में कोई बंधक नहीं है। कुल 26 में से 19 फ्लैट खाली करा लिए गए हैं। सेना कैंप के अंदर मौजूद आतंकियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन तेज हो गया है। QRT की चार टीमों को आर्मी कैंप के अंदर भेजा गया है। ऑपरेशन के लिए पैरा कमांडो को भी तैनात कर दिया गया है। आइएएफ के पैरा कमांडो को उधमपुर और सरसाव से जम्मू बुलाया गया था। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय पूरी घटना पर नजर बनाए हुए है। इस बीच आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

    डिफेंस पीआरओ ने बताया कि जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकियों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। ये ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी आतंकी मारे या पकड़े नहीं जाते। उन्‍होंने बताया कि अब तक 3  आतंकी ढेर किए जा चुके हैं। इनके पास से एके56 राइफल और भारी मात्रा में अन्‍य हथियार बरामद हुए हैं। इससे लगता है कि आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए आए थे।

    हमले का मास्टरमाइंड है मसूद अजहर का भाई

    सुंजवां आतंकी हमले का मास्टरमाइंड रउफ असगर है। रउफ मौलाना जैश-ए-मोहम्मद का चीफ आतंकी मसूद अजहर का भाई है। फरवरी के पहले हफ्ते में रउफ ने भाई मौलाना मसूद अजहर के साथ हिजबुल के चीफ सैयद सलाउद्दीन से मिला था और 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरु की बरसी के दिन दोनों ने हमले को अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी। 

    सीएम महबूबा ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

    जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक कर आतंकी हमले से उत्पन्न हुए हालात की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मुठभेड़ में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी वीरता की प्रशंसा की और शोक संतप्त परिवारों के साथ सहानुभूति जताई। उन्होंने घायल सैनिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और अधिकारियों को उन्हें सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया।

    मुख्यमंत्री को मौके पर चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने राज्य और सीमाओं के साथ समग्र सुरक्षा की स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को आपसी समन्वय बनाकर राज्य में सतर्कता बनाए रखने को कहा। उन्होंने महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, बस अड्डों और अन्य भीड़ भरे स्थानों पर सख्त निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि राज्य में विकास की गति को पटरी पर से नीचे उतारने के लिए शांति के दुश्मनों ने इसे अंजाम दिया। वहीं राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू में सेना शिविर पर फिदायीन हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हमले में घायल हुए जवानों और नागरिकों से भी मुख्यमंत्री मिलने अस्पताल पहुंचीं। 

    सेना कैंप पर आतंकी हमला 

    जम्मू- कश्मीर में आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाया है। हमले में तीन जवानों के घायल होने की खबर है। सेना कैंप पर आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कैंप के अंदर से गोलियां चलने की आवाज सुनी गई, जिसके बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई।

    सुबह पांच बजे करीब शुरू हुई फायरिंग 

    यह हमला सुंजवां आर्मी कैंप पर किया गया। आतंकियों ने सुबह 4:55 बजे अंधेरे का फायदा उठाते हुए सेना के कैंप पर फायरिंग शुरू कर दी। जानकारी के मुताबिक यह हमला कैंप के फैमिली क्वॉर्टर्स पर किया गया।

    पूरे शहर में हाई अलर्ट जारी

    बता दें कि सुंजवां आर्मी कैंप में सेना के जवानों के हजारों क्वॉटर्स हैं। इसमें करीब तीन हजार जवान रहते हैं। यह जम्मू शहर में ही है। बताया जा रहा है कि कैंप के पीछे की दीवार से कूदकर आतंकी अंदर दाखिल हुए। आतंकियों ने गार्ड्स के बंकर पर सबसे पहले फायरिंग शुरू की। आतंकी अभी भी कैंप के अंदर मौजूद हैं। रुक-रुककर अंदर से फायरिंग की आवाजें आ रही हैं। हमले में एक जवान की बेटी भी घायल हो गई है। वहीं, सेना शिविर के 500 मीटर के आसपास के सभी स्कूलों को जिला प्रशासन द्वारा बंद रहने निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि साल 2006 में भी आतंकवादियों ने इसी सेना के स्टेशन पर हमला किया था। उस हमले में 12 जवान शहीद हो गए थे और सात अन्य घायल हो गए थे। वहीं दो आत्मघाती आतंकी भी माए गए थे। 

    हमले में रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल संभव

    विधानसभा स्पीकर कविंद्र गुप्ता का कहना है कि हमले में रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल हो सकता है। रोहिंग्या शरणार्थी आर्मी कैंप के नजदीक रहते हैं, ऐसे में संभव है कि उनका इस्तेमाल हुआ हो। बता दें कि भारत में रोहिंग्या मुसलमान गैर-कानूनी तरीके से घुसे हैं। बीतें दिनों रोहिंग्या शरणार्थी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया भी गया। 

    9-11 फरवरी तक जारी था रेड अलर्ट 

    गौरतलब है कि संसद आतंकी हमले के आरोपी अफजल गुरू की 9 फरवरी को बरसी थी। वहीं 11 फरवरी को जेकेएलएफ के आतंकी मकबूल बट्ट की बरसी भी है। इसी के कारण पहले से ही 9 से 11 फरवरी तक के बीच रेड अलर्ट जारी किया गया था।

    बता दें कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आजकल सीमा पर उकसाने वाली कार्रवाई की जा रही है। सीमा पार से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। जिसके चलते पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।

    पढ़ेंः पाकिस्तानी आतंकियों ने जम्मू में सेना कैंप पर किया हमला; ये हैं अब तक के बड़े हमले