जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे प्रशिक्षण की आड़ में युवाओं को आतंकी हमले की ट्रेनिंग देने के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) करेगी। आरोप है कि कराटे प्रशिक्षक अब्दुल कादर समेत पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े 25 लोग युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देने की साजिश में शामिल थे। निजामाबाद पुलिस ने इस मामले में कराटे प्रशिक्षक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।

एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इस मामले में आतंकवाद रोधी धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज जांच शुरू की जाएगी। कराटे प्रशिक्षक को छह लाख रुपये का लालच देकर नियुक्त किया था। निजामाबाद में पीएफआइ के लोग 200 युवाओं को प्रशिक्षण दे चुके हैं और इसी माडल के तहत आसपास के जिलों में कराटे प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बना रहे थे। इस मामले में पीएफआइ को विदेशी फंडिंग मिलने की भी आशंका जताई जा रही है।

युवाओं को प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग

पीएफआइ के खिलाफ देश के विभिन्न भागों में दर्ज कई मामलों की जांच कर रहे एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कराटे के प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग का मामला पहली बार सामने आया है। इसके तहत कराटे प्रशिक्षण लेने आए युवाओं को कट्टर धार्मिक साहित्य पढ़ने को दिया जाता था, ताकि दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ उसके मन में नफरत पैदा की जा सके। उसके बाद उन्हें कराटे के बजाय विभिन्न तरह से हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे दूसरे धर्म के लोगों पर हमला कर उनकी हत्या कर सके। पीएफआइ इन युवाओं का उपयोग दंगे भड़काने और उस दौरान दूसरे धर्म के लोगों पर हमले के लिए करना चाहती थी।

PFI के लीडर चला रहे खतरनाक कैंप

ये इस तरह का पहला मामला है, जब मुस्लिम नौजवानों के हाथों में कराटे स्टिक्स थमा कर उनके दिमाग में कट्टरवाद का ज़हर भर गया है। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले अब्दुल खादिर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसकी उम्र 52 वर्ष है। आरोप है कि अब्दुल खादिर ही कराटे के नाम पर मुस्लिम युवाओं को सिर काटने का कट्टरवाद सिखा रहा था। इस दौरान कई मुस्लिम नौजवानों का ब्रेन वॉश भी किया गया।

Edited By: Sanjeev Tiwari