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    'आतंकवाद पूरी मानव जाति के लिए अभिशाप...' मुंबई हमले की 17वीं बरसी पर बोले गृह मंत्री अमित शाह 

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 10:24 PM (IST)

    गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई आतंकी हमले की 17वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकवाद को मानवता के लिए अभिशाप बताया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और अन्य नेताओं ने भी शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अमित शाह ने मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    अमित शाह ने दी मुंबई हमलों के शहीदों को श्रद्धांजलि

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई आतंकी हमलों की 17वीं वर्षगांठ पर इस हमले में जान गंवाने वाले बलिदानियों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद केवल एक देश के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए अभिशाप है। मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टालरेंस नीति है।

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    इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री अजित पवार व अन्य नेताओं ने भी बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

    अमित शाह ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

    शाह ने एक्स पर लिखा- 'मुंबई आतंकी हमले का डटकर सामना करते हुए अपना बलिदान देने वाले वीर जवानों को नमन करता हूं और इस कायराना हमले में अपनी जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

    मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति स्पष्ट है, जिसे पूरा विश्व सराह रहा है और भारत के आतंकवाद विरोधी अभियानों को व्यापक समर्थन दे रहा है।'

    बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के 10 आतंकियों ने मुंबई के विभिन्न हिस्सों में एक साथ हमले किए थे, जिसमें 166 लोग मारे गए और जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने ने समुद्री रास्ते से शहर में प्रवेश किया था और ताज महल पैलेस होटल, ओबेराय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और नरिमन हाउस जैसे प्रमुख स्थलों पर हमले किए थे।

    राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबद्धता दोहराई

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी एक्स पर शहीदों को याद करते हुए कहा कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की बरसी पर मैं उन वीर सैनिकों को नमन करती हूं जिन्होंने हमारे देश के लोगों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को कृतज्ञतापूर्वक याद करता है।

    मुर्मु ने कहा- 'आइए! हम हर तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शाएं। आइए! हम एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के संकल्प के साथ प्रगति के पथ पर एक साथ आगे बढ़ें।'

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 26/11 के दौरान आतंकियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को पुलिस मुख्यालय में पुष्पांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य मंत्री आशीष शेलार ने भी दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में शहीदों के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

    इस मौके पर आतंकी हमले में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार वालों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुंबई आतंकी हमले की बरसी के मौके पर बुधवार को एक ¨थक टैंक नैटस्ट्रैट ने 1947 और 2025 के बीच सीमा पार से किए गए बड़े आतंकी हमलों की जानकारी वाला एक डाक्यूमेंट भी जारी किया।

    लाठी लेकर आतंकियों से भिड़ गए ASI तुकाराम को भी किया नमन

    बुधवार को कई लोगों ने एएसआइ तुकाराम ओम्बले की प्रतिमा 'प्रेरणा स्थल' पर भी जाकर पुष्पांजलि अर्पित की, जो गिरगांव चौपाटी पर लाठी लेकर ही आतंकियों से भिड़ गए थे और आतंकी अजमल कसाब को पकड़ते समय शहीद हो गए थे।

    कई लोगों ने सीएसएमटी, कामा और अल्बलेस अस्पताल और अन्य स्थानों पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की। शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने गेटवे आफ इंडिया पर कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें मुंबई के नागरिकों के साथ-साथ पीडि़तों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए।

    राणा का प्रत्यर्पण पीडि़तों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम 

    एक्स पर एक पोस्ट में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि वह हमलों के पीडि़तों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ा है। इसमें कहा गया कि अमेरिका ने लंबे समय से भारत के प्रयासों का समर्थन किया है ताकि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।

    दूतावास ने यह भी कहा कि अमेरिका ने इस साल तहव्वुर हुसैन राणा को इस भयावह हमले की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए भारत प्रत्यर्पित किया था, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित कइयों की जान गई थी। अमेरिकी दूतावास ने कहा- 'राणा का प्रत्यर्पण इन जघन्य हमलों में मारे गए पीडि़तों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    26/11 के पीडि़तों को याद करते हुए हम अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर आतंकी कृत्यों के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के प्रति दृढ संकल्प हैं।'

    मुंबई में इजरायल के कांसुलेट जनरल यानिव रेवाच ने कहा कि उनका देश और भारत न सिर्फ आतंकियों से लड़ रहे हैं, बल्कि उस फाल्स नेरेटिव से भी भी लड़ रहे हैं जिसमें हमलावर खुद को पीडि़त बताते हैं।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)