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    ईरान पर प्रतिबंध के बाद अमेरिका के खिलाफ खुलकर सामने आया चीन

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Fri, 19 May 2017 08:05 PM (IST)

    ताज़ा मामला है 17 मई का जब अमेरिका ने ईरान के दो वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और एक ईरानी कंपनी पर बैन लगाने का ऐलान किया। ...और पढ़ें

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    ईरान पर प्रतिबंध के बाद अमेरिका के खिलाफ खुलकर सामने आया चीन

    नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भी ईरान से संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं और दोनों देशों की बीच स्थित बड़ी चिंताजनक होती जा रही है। ईरान में शुक्रवार को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले दोनों ही देशों ने एक दूसरे के नागरिकों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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    अमेरिका का ईरानी अधिकारियों, कंपनियों पर प्रतिबंध

    दरअसल, ताज़ा मामला है 17 मई का, जब अमेरिका ने ईरान के दो वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और एक ईरानी कंपनी पर बैन लगाने का ऐलान किया। एक चीनी नागरिक और तीन चीनी कंपनियों को भी प्रतिबंध के दायरे में लाया गया है। इन सभी के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में मदद का आरोप है।

    ईरान भी बैन लगाकर दिया जवाब

    कंपनियों और रक्षा अधिकारियों पर लगे बैन से बौखलाए ईरान ने भी अमेरिका 18 मई को अमेरिका की नौ कंपनियों और नागरिकों पर बैन लगा दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो व्यक्ति और कंपनियां प्रतिबंधित की गई हैं वे फलस्तीन में आतंकी हमलों और मानवाधिकारों को उल्लंघन में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल हैं।

    ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहमरा घासेमी ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं चाहता है। उसका मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से वैध और देश की रक्षा शक्ति बढ़ाने के लिए है। वह अपने मिसाइल कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगा। कुछ महीने पहले भी ईरान ने 15 अमेरिकी कंपनियों पर आतंकवाद का समर्थन करने, दमन और फिलीस्तीन की जमीन पर इजरायल के कब्जे का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगा दिया था।

    ईरान में बैन ने अमेरिका पर नाराज हुआ चीन

    चीन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समर्थन देने वाली कुछ ईरानी और चीनी कंपनियों पर लगाए गए नए आर्थिक प्रतिबंधों की उसने अमेरिका से शिकायत की है। गौरतलब है कि ईरान या नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम अथवा प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रमों से जुड़ी चीनी कंपनियों या कुछ शीर्ष लोगों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की चीन ने बार-बार उससे शिकायत की है। चीन का कहना है कि अमेरिका की ओर से लगाए गए ये प्रतिबंध एकतरफा हैं।

    चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छुनाइंग ने अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि चीन हमेशा स्थानीय नियमों और निर्देशों का पालन करता है और वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संबद्व अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करता है। उन्होंने कहा कि चीन एकतरफा प्रतिबंधों का आंख मूंदकर इस्तेमाल करने का कड़ा विरोध करता है, खासकर जब इनसे किसी तीसरे पक्ष को नुकसान पहुंचता हो। चीन का मानना है कि इस तरह के प्रतिबंध आपसी विश्वास को बढ़ावा देने में मददगार साबित नहीं होंगे और इस मामले में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को भी प्रभावित करेंगे। 

    हुआ ने कहा कि चीन ने इस मामले में अमेरिका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और उम्मीद है कि अमेरिका आपसी हितों के सम्मान के सिद्वांत को मानते हुए परमाणु अप्रसार मामले का निपटारा आपसी बातचीत और संवाद प्रकिया से कर सकता है। चीन के ईरान के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंध हैं और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2015 के समझौते में उसने अहम भूमिका निभाई थी।

    US ने जिन 7 मुस्लिम देशों पर बैन लगाया उनमें ईरान शामिल

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आकर अपने चुनावी वादे के अनुरूप जिन सात मुस्लिम बहुल देशों पर बैन लगाया था उनमें ईरान भी शामिल था। अमेरिका ने ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के यात्रियों के वीजा पर रोक लगा दी थी। ईरान ने अमेरिका के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था। ईरान के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के निर्णय को 'गैरकानूनी, बेतुका और अंतरराष्ट्रीय नियमों के विपरीत' बताया था। ईरान ने कहा कि जब तक अमेरिका अपना यह फैसला वापस नहीं लेता, तबतक वह भी अमेरिकी नागरिकों को अपनी सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा।  हालांकि, ईरान ही नहीं दुनियाभर में ट्रंप के इस फैसले का विरोध हुआ। आखिरकार, अमेरिकी कोर्ट के फैसले के बाद ट्रंप को अपने इस फैसले को वापस लेने पड़ा था।

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