Telecom Bill 2023: उपभोक्ताओं को अनचाही कॉल से अब मिलेगी मुक्ति, बिना इजाजत प्रमोशनल कॉल पर लगेगा भारी जुर्माना
लंबी चर्चा के बाद तैयार टेलीकाम बिल के प्रविधान उपभोक्ताओं के जीवन को आसान बनाएंगे। अभी दिन में कई बार आप और हम मकान खरीदने से लेकर निवेश करने जैसी कई अनचाही कॉल रिसीव करते हैं और हम चाहकर भी उनसे निजात नहीं पाते। यहां तक कि डू नाट डिस्टर्ब सेवा में अनचाही कॉल को रजिस्टर कराने से भी कोई फायदा नहीं मिलता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लंबी चर्चा के बाद तैयार टेलीकाम बिल के प्रविधान उपभोक्ताओं के जीवन को आसान बनाएंगे। अभी दिन में कई बार आप और हम मकान खरीदने से लेकर निवेश करने जैसी कई अनचाही कॉल रिसीव करते हैं और हम चाहकर भी उनसे निजात नहीं पा रहे हैं। यहां तक कि डू नाट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा में अनचाही कॉल को रजिस्टर कराने से भी कोई फायदा नहीं मिलता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
उपभोक्ताओं को अनचाही कॉल से मुक्ति मिलेगी। यही नहीं, किसी भी कॉल या मैसेज को गैरकानूनी तरीके से इंटरसेप्ट करने पर सजा और जुर्माने का प्रविधान बिल में किया गया है। इसके लिए तीन साल तक की जेल और दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
टेलीकम्युनिकेशंस बिल 2023 लोकसभा में पेश
टेलीकम्युनिकेशंस बिल 2023 सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। सरकार की कोशिश है कि चालू संसदीय सत्र में ही इस बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित करा लिया जाए। इसके प्रविधानों के मुताबिक प्रमोशनल कॉल करने वालों को उपभोक्ताओं से पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। अगर वे बिना इजाजत कॉल करते हैं तो उपभोक्ता उनके खिलाफ शिकायत कर सकता है और कॉल करने वाली कंपनियों को पहली बार अनचाहे कॉल पर पचास हजार और उसके बाद इस प्रकार के काल पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगेगा।
कंपनी की संचार सेवा भी बंद की जा सकेगी
यहीं नहीं, सजा के तौर पर उस कंपनी की संचार सेवा भी बंद की जा सकेगी। टेलीकाम सेवा देने वाली सभी कंपनियों को उपभोक्ता की शिकायत के लिए ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का इंतजाम करना होगा। इसके अलावा सरकार की तरफ से भी एक ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन (ओडीआर) पोर्टल होगा जहां उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज कर सकेगा।
उपभोक्ता ट्राई में शिकायत कर सकते हैं
अभी अनचाहे कॉल के खिलाफ उपभोक्ता भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) में शिकायत तो कर सकता है, लेकिन अनचाही या प्रमोशनल कॉल करने वालों के खिलाफ जुर्माने जैसी कार्रवाई का कोई प्रविधान नहीं है। इस बिल के कानून बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती, आपातकाल या विपदा कॉल जैसी स्थिति में सरकार किसी भी संचार सेवा या नेटवर्क को अस्थायी तौर पर अपने अधिकार में ले सकेगी।
ऑडियो-वीडियो संदेश पढ़ सकेगी सरकार
इस प्रकार की विशेष परिस्थितियों में टेलीकॉम नेटवर्क से प्रसारित होने वाले ऑडियो-वीडियो संदेश को भी सरकार को देखने या पढ़ने का अधिकार होगा। बिल के प्रविधानों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी भी टेलीकॉम उपकरण के आयात या उसके इस्तेमाल पर रोक लगा सकती है।
प्रतिबंधित उपकरणों के इस्तेमाल पर जेल का प्रविधान
यह चलन अब भी है, लेकिन बिल में यह प्रविधान लाने पर आयात पर रोक को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। प्रतिबंधित उपकरणों के इस्तेमाल पर जेल और जुर्माने का प्रविधान रखा गया है। बिल के प्रविधानों के मुताबिक टेलीकॉम उपकरणों को हैक करने जैसे साइबर अपराध के खिलाफ भी जेल व जुर्माने जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिल में टेलीकाम सेवा के लिए लाइसेंसिंग को आसान बनाया गया है। अभी 100 प्रकार से अधिक के लाइसेंस हैं जिसे खत्म कर क्यूआर कोड से सिर्फ आथराइजेशन लेकर काम किया जा सकेगा। स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल को लेकर भी कई प्रकार के सुधार किए गए हैं। एक ही स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल विभिन्न सरकारी एजेंसी अलग-अलग काम के लिए कर सकेंगी। टेलीकम्युनिकेशंस बिल से ओवर दि टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्म को बाहर रखा गया है।
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