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    सरकारी कर्मचारी हर दिन कमा रहा था 2 लाख रुपये, फाइल खुली तो ACB की फटी रह गई आंखें और फिर...

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Thu, 12 Dec 2024 04:08 PM (IST)

    Telangana तेलंगाना में सिंचाई विभाग के एक इंजीनियर की काली कमाई जानकर एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी भी दंग रह गए। इस अधिकारी को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। अब एसीबी ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। आकलन है कि अधिकारी की कमाई एक दिन में तकरीबन 2 लाख रुपये थी। पढ़ें क्या है पूरा मामला।

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    इंजीनियर को इसी महीने की शुरूआत में गिरफ्तार किया गया था। (File Image)

    आईएएनएस, हैदराबाद। तेलंगाना में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को सिंचाई विभाग के सहायक कार्यकारी इंजीनियर से पूछताछ शुरू की है, जिन्हें इसी महीने की शुरुआत में आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

    आईएएनएस के अनुसार अधिकारी का नाम निकेश कुमार है। एक अदालत द्वारा एसीबी को चार दिनों की हिरासत दिए जाने के बाद अधिकारियों ने उन्हें चंचलगुडा जेल से हिरासत में लिया। उन्हें नामपल्ली स्थित एसीबी कार्यालय लाया गया, जहां जांच अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे थे।

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    100 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति का खुलासा

    एसीबी अधिकारियों ने निकेश कुमार और उनके परिवार के सदस्यों के पास 17.73 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है। एक बैंक लॉकर में उन्हें 1.5 किलो वजन के सोने के आभूषण मिले। विला, फ्लैट, प्लॉट, कृषि भूमि और सोने के आभूषणों सहित उनकी संपत्तियों का बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है।

    एक दशक पहले नौकरी में शामिल हुए इस अधिकारी के बारे में कहा जाता है कि वह कथित तौर पर भ्रष्ट तरीकों से प्रतिदिन कम से कम 2 लाख रुपये कमा रहा था। आय से अधिक संपत्ति का मूल्य जानकर एसीबी के अधिकारी हैरान रह गए। एसीबी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली पूछताछ से सनसनीखेज मामले से जुड़े और तथ्य सामने आने की संभावना है।

    2 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए किया था गिरफ्तार

    एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या निकेश कुमार किसी अन्य व्यक्ति के 'बेनामी' के रूप में काम कर रहा था। निकेश को इससे पहले मई में एसीबी की टीम ने तब पकड़ा था, जब उसने सिंचाई और राजस्व विभाग में काम करने वाले तीन अन्य अधिकारियों के साथ 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और स्वीकार की थी।

    निकेश कुमार की अवैध संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर टीजी-बीपीएएस पोर्टल के जरिए बिल्डिंग परमिशन के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के माध्यम से आया था। 2019 में इंश्योरेंस मेडिकल सर्विसेज (आईएमएस) की पूर्व निदेशक चौधरी देविका रानी और इस साल की शुरुआत में एचएमडीए के निदेशक (टाउन प्लानिंग) शिव बालकृष्ण की गिरफ्तारी के बाद एसीबी द्वारा यह दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है।

    देविका से 30 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जबकि बालकृष्ण से 9 करोड़ रुपये की अपंजीकृत संपत्ति जब्त की गई। दोनों दागी अधिकारियों की जब्त संपत्ति का मूल्य केवल सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार था। बाजार मूल्य सैकड़ों करोड़ रुपये होने का अनुमान है।