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    'कांग्रेस और भाजपा के बीच फेविकोल बंधन', तेलंगाना के पूर्व मंत्री KTR ने राज्यपाल के बयान पर की टिप्पणी

    तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामाराव ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बीच फेविकोल जैसा बंधन है। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन के बयान पर प्रतिक्रिया दी। दरअसल राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने कहा था कि भाजपा राज्य की लोगों की पहुंच से दूर है। केटीआर ने राज्यपाल के बयान को लोकतंत्र का मजाक बताया।

    By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 26 Jan 2024 05:12 PM (IST)
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    तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामाराव। (फाइल फोटो)

    एएनआई, हैदराबाद। तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामाराव ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा और कांग्रेस के बीच फेविकोल जैसा बंधन है। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन के बयान पर प्रतिक्रिया दी। दरअसल, राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने कहा था कि भाजपा राज्य की लोगों की पहुंच से दूर है।

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    राज्यपाल के बयान पर टिप्पणी

    केटी रामाराव ने कहा कि तेलंगाना में पिछले 10 वर्षों से एक लोकतांत्रिक सरकार शासन में थी और राज्यपाल का यह कहना कि 'राज्य में तानाशाहों का शासन था, जहां लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं किया जा रहा था।' केटीआर ने राज्यपाल के बयान को लोकतंत्र का मजाक बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का यह बयान काफी निंदनीय है। इससे भी ज्यादा भयावह कांग्रेस और भाजपा के बीच फेविकोल जैसा बंधन है, जो तेलंगाना में दिख रहा है।

    राज्यपाल ने की थी ये टिप्पणी?

    तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने शुक्रवार को कहा कि बीआरएस की सरकार आम आदमी की पहुंच से दूर थी। लोग अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए असमंजस में रहते थे। राज्यपाल ने कहा कि हम सभी ने देखा कि गरीब आदमी के आंसू पोंछने के लिए कोई सरकारी तंत्र मौजूद नहीं था। आज, एक लोकतांत्रिक सरकार तेलंगाना की सत्ता में कायम है।

    केटीआर ने राज्यपाल की आलोचना की

    राज्यपाल की आलोचना करते हुए केटीआर ने कहा कि राज्यपाल अपने दोहरे मानदंडों के लिए जवाबदेह हैं, क्योंकि उन्हें तेलंगाना के पैसे से भुगतान किया जाता है। केटीआर ने आरोप लगाया कि जब दो बीआरएस विधायकों ने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया, तो चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन दोनों के लिए अलग-अलग चुनाव कराने का फैसला किया। उन्होंने दावा किया कि ऐसा करना कांग्रेस के लिए चुनावी तौर पर फायदेमंद होगा।

    पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्यपाल बनने से पहले तमिलिसाई सौंदर्यराजन तमिलनाडु की भाजपा अध्यक्ष थीं और वह अभी भी एक भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करती हैं। यह देखकर आश्चर्य होता है कि वह कांग्रेस का समर्थन क्यों कर रही हैं?