Sigachi Blast: 'मशीन बदलने को कहा था, पर एक न सुनी', मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज, कंपनी ने 1-1 करोड़ मुआवजे का किया एलान
तेलंगाना के सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हुए भीषण धमाके में 40 लोगों की जान चली गई और 33 घायल हो गए। पुलिस ने कंपनी मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज किया है क्योंकि उन्होंने पुरानी मशीनों को बदलने की अर्जी को अनसुना कर दिया था। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और घायलों को 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

एजेंसी, संगारेड्डी। तेलंगाना के सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पशम्यलारम यूनिट में दो दिन पहले हुआ भीषण धमाका अभी भी लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर रहा है। इस हादसे में 40 जिंदगियां खाक हो गईं और 33 लोग जख्मी हो गए।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर फैक्ट्री मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज किया है। शिकायत में कहा गया है कि कंपनी मैनेजमेंट ने पुरानी मशीनों को बदलने की अर्जी को अनसुना कर दिया गया था।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि स्प्रे ड्रायर यूनिट में दबाव बढ़ने से धमाका हुआ। इस यूनिट में माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज को सुखाने का काम होता है और इसमें महीन केमिकल धूल ने आग को और भड़काया।
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
- इसके साथ कंपनी की ओर से भी मृतकों के परिवारों एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
शिकायतकर्ता यशवंत राजनाला के पिता राजनाला वेंकट जगन मोहन 20 साल से सिगाची में काम कर रहे थे। यशवंत ने बताया कि उनके पिता ने कई बार मैनेजमेंट को पुरानी मशीनों के खतरे के बारे में चेताया था। मगर मैनेजमेंट ने उनकी एक न सुनी, जिसके नतीजे में यह भयानक हादसा हुआ।
FIR में मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप
संगारेड्डी पुलिस ने यशवंत की शिकायत पर मैनेजमेंट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 110 (गैर-इरादतन हत्या की कोशिश), और 117 (गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत FIR दर्ज की है। FIR में कहा गया है कि कर्मचारियों ने बार-बार मैनेजमेंट को पुरानी मशीनों को बदलने की सलाह दी थी, क्योंकि इनसे बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन मैनेजमेंट ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज किया।
गौरतलब है कि हादसे के दिन सुबह 9:30 बजे आग लगी। इसके बाद कई कर्मचारियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और कई बुरी तरह झुलस गए।
कंपनी ने बयान में क्या कहा?
कंपनी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि प्लांट में अगले 90 दिन तक काम बंद रहेगा। इस हादसे की वजह अभी तक साफ नहीं हुई है, लेकिन कंपनी ने दावा किया कि यह धमाका रिएक्टर में नहीं हुआ।
तेलंगाना सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। सरकार के मुताबिक, हादसे के वक्त प्लांट में 143 कर्मचारी काम कर रहे थे। सिगाची इंडस्ट्रीज माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज (MCC) बनाती है। ये दवाइयों, खाद्य पदार्थों, कॉस्मेटिक्स और स्पेशलिटी केमिकल्स में इस्तेमाल होता है। कंपनी अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के क्लाइंट्स को सेवाएं देती है।
हादसे ने खोली सुरक्षा की पोल
यशवंत को उनके चाचा राम मोहन राव ने सुबह 11 बजे फोन कर हादसे की खबर दी। यशवंत तुरंत पाटनचेरु के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अपने पिता की लाश देखी। तेलंगाना फायर डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर ने बताया कि सिगाची के पास फायर डिपार्टमेंट से कोई NoC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) नहीं था। फैक्ट्री में न तो फायर अलार्म थे और न ही हीट सेंसर जैसे सुरक्षा इंतजाम। अफसर ने कहा कि NoC के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया होती है, लेकिन इस यूनिट ने कभी इसके लिए आवेदन ही नहीं किया।
(पीटीआई और रायटर्स की इनपुट्स के साथ)
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