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    Telangana Encounter: तेलंगाना में पुलिस ने किया एनकाउंटर, 2 माओवादी की मौत

    By Pooja SinghEdited By:
    Updated: Sun, 20 Sep 2020 11:15 AM (IST)

    तेलंगाना में एक एनकाउंटर में दो माओवादी की मौत हो गई है। कोनाराम भीम आसिफाबाद जिले में देर रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में इन माओवादियों की मौत हुई।

    Telangana Encounter: तेलंगाना में पुलिस ने किया एनकाउंटर, 2 माओवादी की मौत

    हैदराबाद, आइएएनएस। तेलंगाना में पुलिस के साथ फायरिंग के दौरान दो माओवादी मारे गए। कोनाराम भीम आसिफाबाद जिले में पुलिस के साथ हुई देर रात शनिवार को हुई मुठभेड़ में इन माओवादियों की मौत हुई। उत्तरी तेलंगाना में एक महीने से भी कम समय में पुलिस और नक्सलियों की फायरिंग की यह तीसरी घटना है।

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    प्रभारी जिला पुलिस अधीक्षक वी. सत्यनारायण ने बताया कि जिले के कागजनगर मंडल के कदंबा वन क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद पुलिस के जवानों ने तलाशी अभियान चला रहे थे। उसी दौरान मआोवादी ओपन फायरिंग करने लगे। इस दौरान पुलिस की जबावी कार्रवाई में दो माओवादियों को गोली लग गई। इस घटना में पुलिस की तरफ से कोई भी हताहत नही हुआ है। वहीं  मारे गए नक्सलियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन क्षेत्र के एक शीर्ष माओवादी एम। एडेलु उर्फ ​​भास्कर के भागने की आशंका है। 

    पुलिस ने इलाके में एक काम्बिंग ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद भास्कर को सूचना मिली, जो मनचेरियल और असिफाबाद जिलों के लिए माओवादी के डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी हैं। वह  आसिफाबाद शहर के पास चिट्टीगुडा में घूम रहे थे। 

    बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने माओवादी संगठन सीपीआई (माओइस्‍ट) के चार सहयोगियों के खिलाफ कोर्ट चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों में सीपीआई (माओइस्‍ट) के तीन मुख्‍य सहयोगी और एक अंडरग्राउंड नेता भी शामिल है। एनआइए ने इन सभी पर अपनी फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन तेलंगाना विद्यार्थी वेदिका (Telangana Vidyarthi Vedika) और तेलंगाना प्रजा फ्रंट (Telangana Praja Front) के जरिए माओवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती और फंड जुटाने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था।

    एनआईए ने जून महीनें में हैदराबाद के रहने वाले और तेलंगाना प्रजा फ्रंट के उपाध्यक्ष 41 वर्षीय नलमासा कृष्णा को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि कृष्णा ने माओवादी गतिविधियों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। एजेंसी ने कहा था कि जांच से पता चला कि कृष्णा छत्तीसगढ़ के जंगलों में नियमित रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शीर्ष नेताओं से मिलने जाता था और उनके निर्देशों को वह माद्दीलेती तक पहुंचाता था।