तेलंगाना: CM केसीआर का डीजीपी को निर्देश, पूर्व प्रोफेसर सहित 152 लोगों के खिलाफ दर्ज UAPA का मुकदमा लें वापस
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के निर्देश के बाद पुलिस महानिदेशक अंजनी कुमार ने मुलुगु एसपी गौश आलम को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत हरगोपाल और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने पर विचार करने के लिए कहा।

हैदराबाद, एजेंसी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने शनिवार को पुलिस महानिदेशक (DGP) अंजनी कुमार को हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और मानवाधिकार कार्यकर्ता जी हरगोपाल तथा 151 अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) वापस लेने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीजीपी ने मुलुगु एसपी गौश आलम को यूएपीए के तहत हरगोपाल और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने पर विचार करने के लिए कहा।
कितने लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था UAPA के तहत मामला?
तेलंगाना में पहली बार मुलुगु जिले की तदवई पुलिस ने 2022 में हरगोपाल सहित 152 लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस ने 52 पेज की प्राथमिकी में 152 लोगों को नामजद किया है, जिन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, 19 अगस्त, 2022 को शिकायतकर्ता वी शंकर पसरा सर्कल में अपनी ड्यूटी कर रहे थे, जब उन्हें तेलंगाना के भाकपा (माओवादी) के सदस्यों की बेरेला वन क्षेत्र में एक अवैध सभा के बारे में सूचना मिली, जिसमें बडे चोक्का राव, कंकनला राजी रेड्डी, कोयदा संबैया, कुर्सम मगू, मदकम सन्नाल और अन्य शामिल थे।
माओवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर दर्ज हुआ था मामला
मानवाधिकार कार्यकर्ता हरगोपाल पर 151 अन्य लोगों के साथ पुलिस द्वारा माओवादियों के साथ कथित संबंधों के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, उन्होंने दावा किया था कि उन्हें इस बात का कोई सुराग नहीं था कि उनपर क्या आरोप हैं।
हरगोपाल ने समाज को जवाब देने का आह्वान किया था, क्योंकि यूएपीए के तहत बुक किए गए सभी लोगों ने नागरिक स्वतंत्रता और तेलंगाना के लिए अलग राज्य के लिए लड़ाई लड़ी थी। दरअसल, हरगोपाल हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के डीन के रूप में काम कर चुके हैं।
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