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    तेजस एमके 1ए ने पहली बार भरी उड़ान, राजनाथ सिंह बोले- ये नया बेंचमार्क

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 03:16 PM (IST)

    भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने पहली उड़ान भरी, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतिहासिक बताया। HAL के नासिक स्थित प्लांट से उड़ान भरने के साथ ही LCA Mk1A की तीसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया गया। राजनाथ सिंह ने HAL की सस्टेनेबल डेवलपमेंट के प्रयासों की सराहना की। वायुसेना में तेजस के शामिल होने की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन अगले चार वर्षों में 83 विमानों की आपूर्ति का लक्ष्य है।

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    स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ने भरी आज पहली उड़ान।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज अपनी पहली उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड के नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग डिविजन से तेजस ने ये उड़ान भरी। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे और उन्होंने इस कदम को ऐतिहासिक बताया।

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    दरअसल, तेजस की ये उड़ान भारत में ऐसे लड़ाकू विमानों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस खास मौके पर राजनाथ सिंह ने LCA Mk1A की तीसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया।

    राजनाथ सिंह ने की HAL की तारीफ

    वहीं, इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एचएएल ने अपने नए 'मिनी स्मार्ट टाउनशिप' प्रोजेक्ट के साथ सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एक मिसाल कायम की है।

    राजनाथ सिंह ने क्या कहा?

    आज इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि HAL का मॉडल दूसरी इंडस्ट्रीज के लिए एक बेंचमार्क स्थापित हो रहा है। उन्होंने इस दौरान सस्टेनेबल टाउनशिप बनाने की उनकी कोशिशों के लिए पूरे HAL परिवार को बधाई दी।

    अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया पर्यावरण बचाने की बात कर रही है। इस दौर में, HAL ने इस टाउनशिप के जरिए एक मिसाल कायम की है। मेरा मानना है कि HAL का मॉडल अब दूसरी इंडस्ट्रीज के लिए एक बेंचमार्क बनेगा।

    वायुसेना में कब शामिल होंगे तेजस?

    तेजस एमके1ए को वायुसेना में कब शामिल होगा, इसको लेकर अभी तारीखों का एलान नहीं हुआ है। हालांकि, एचएएल का कहना है कि आने वाले चार साल में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस मार्क1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जाएगी। बताया जा रहा है कि अमेरिकी इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण इसके निर्माण में देरी हो रही है।

    गौरतलब है कि नासिक स्थित एचएएल की एयरक्राफ्ट मैन्यूफैक्चरिंग डिविजन में हर साल आठ लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की क्षमता है। वहीं, नासिक के अलावा बेंगलुरु में भी तेजस की दो प्रोडक्शन लाइन स्थित है। यहां पर हर साल 16 लड़ाकू विमान बनाए जाते हैं। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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