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    शिक्षक शिक्षण संस्थानों की साख फिर होगी बहाल, अनियमितता पाए जाने पर अब तक 800 संस्थानों को किया बंद

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Tue, 11 Jul 2023 08:46 PM (IST)

    शिक्षा का स्तर दुरुस्त करना है कि शिक्षकों की गुणवत्ता पर सबसे पैनी नजर रखनी होगी। इसे ध्यान में रखते हुए बड़ी पहल हुई है। इसके तहत देश भर के ऐसे सभी अमानक शिक्षक शिक्षण संस्थानों को बंद किया जा रहा है जो बगैर पढ़ाए-लिखाए ही डिग्री बांट रहे है। ऐसे करीब आठ सौ संस्थानों को शुरुआती जांच में ही गंभीर अनियमितता पाए जाने के बाद बंद किया गया है।

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    शिक्षक शिक्षण संस्थानों की साख फिर होगी बहाल, अब तक 800 संस्थानों को किया बंद (फाइल फोटो)

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। शिक्षा का स्तर दुरुस्त करना है कि शिक्षकों की गुणवत्ता पर सबसे पैनी नजर रखनी होगी। इसे ध्यान में रखते हुए बड़ी पहल हुई है। इसके तहत देश भर के ऐसे सभी अमानक शिक्षक शिक्षण संस्थानों को बंद किया जा रहा है, जो बगैर पढ़ाए-लिखाए ही डिग्री बांट रहे है।

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    अब तक 800 संस्थानों को किया बंद

    अब तक ऐसे करीब आठ सौ संस्थानों को शुरुआती जांच में ही गंभीर अनियमितता पाए जाने के बाद बंद किया गया है। बाकी संस्थानों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। जो अगले चार से पांच महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

    सभी संस्थानों को 2030 तक दिया समय

    शिक्षक शिक्षा से जुडी नियामक एजेंसी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसके साथ ही देश भर में अकेले बीएड या शिक्षक शिक्षा से जुड़े दूसरे कोर्स संचालित करने वाले संस्थानों को जल्द ही बहुविषयक संस्थान के रूप में तब्दील होने के लिए कहा है। इसके लिए सभी संस्थानों को वर्ष 2030 तक समय दिया गया है।

    विस्तृत योजना की जा रही तैयार

    एनसीटीई के मुताबिक, इसे लेकर विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। जिसमें चरणबद्ध तरीके से इन्हें बहुविषयक संस्थानों के रूप तब्दील किया जाएगा। इस बीच एक वर्षीय और दो वर्षीय बीएड कोर्स जारी रहेंगे। इनमें से एक वर्षीय बीएड कोर्स उन लोगों के लिए होगा, जो चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई करके आएंगे। वहीं दो वर्षीय बीएड कोर्स उनके लिए होगा जो तीन वर्षीय स्नातक की पढ़ाई करके आएंगे।

    देश भर में हैं करीब आठ हजार शिक्षक शिक्षण संस्थान

    मौजूदा समय में देश भर में करीब आठ हजार शिक्षक शिक्षण संस्थान है। जो बीएड सहित दूसरी डिग्री, डिप्लोमा करा रहे है। पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट (टीईटी) जैसी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में बीएड करने वाले शिक्षक पास ही नहीं कर पाते है। एनसीटीई के इसके साथ ही शिक्षक और शिक्षक शिक्षा की साख को नई ऊंचाई देने के लिए चार वर्षीय एक नए इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) की भी शुरूआत की है। जिसके तहत बीए-बीएड, बीकाम-बीएड और बीएससी-बीएड जैसे कोर्स संचालित होंगे।

    आईआईटी, एनआईटी से हो रही कोर्सों की शुरूआत

    इन कोर्सों की शुरूआत इसी साल से ही आईआईटी, एनआईटी सहित देश के शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों से होने जा रही है। माना जा रहा है कि देश के शीर्ष संस्थानों से इन कोर्सों के शुरु होने से इसकी साख भी बढ़ेगी। एनसीटीई से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, शिक्षक शिक्षा की कभी साख यह थी कि लोग बड़े गर्व के साथ अपने नाम के साथ बीएड जैसी डिग्री का जिक्र करना नहीं भूलते थे। यही वजह है कि आईटीईपी में किसी भी ऐसे संस्थानों को कोर्स शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है, जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं थी। सिर्फ सरकारी और रैंकिंग वाले संस्थानों का चुनाव किया गया है।

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