Tania Parvin case पकड़ी गई तानिया के वाट्सएप ग्रुप में शामिल थे हाफिज सईद के दो करीबी
Tania Parvin case तानिया परवीन के वाट्सएप ग्रुप पर लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के दो करीबियों के भी नंबर मिले हैं जिसके माध्यम से तानिया को हाफिज सईद निर्देश भेजा करता था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आतंकी गतिविधियों में शामिल छात्रा तानिया परवीन के वाट्सएप ग्रुप पर लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के दो करीबियों के भी नंबर मिले हैं, जिसके माध्यम से तानिया को हाफिज सईद विभिन्न निर्देश भेजा करता था। हवाला के जरिये तानिया को रुपये भी भेजे गए। खबर यह भी है कि तानिया को बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय अन्य आतंकी संगठनों को एकजुट कर बड़े हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह सब जानकारी जांच व पूछताछ में बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को मिली है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही तानिया को पकड़ा गया था।
जानकारी के मुताबिक तानिया के सहयोगी मनाजिरुल इस्लाम नामक कॉलेज छात्र को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस्लाम ने भी कई बार पाकिस्तान फोन किया था। उसके पास से दो मोबाइल फोन और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इस बीच तानिया से बरामद मोबाइल फोन समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहती थी
अभी तक की जांच में सामने आया है कि तानिया का मुख्य लक्ष्य आइएस (इस्लामिक स्टेट) की शैली में एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना था। उसने सोचा था कि लश्कर कुछ भी कर सकता है। पाकिस्तान से जेहादी गतिविधियों वाली कई किताबें उसे भेजी गई थीं, जिन्हें पढ़कर वह जिहादी विचारधारा वाली हो गई। बताया गया है कि वह लश्कर से तीन साल से जुड़ी है। तानिया ने पुलवामा कांड के बाद पाकिस्तान के कई लश्कर आतंकियों से बात की थी। इसने हमले की तस्वीरें अपने ग्रुप में पोस्ट कर आतंकियों की प्रशंसा भी की थी।
स्लीपर सेल को फिर संगठित करने की जिम्मेदारी
सबसे पहले तानिया को जिहादी विचारधारा के प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में पाकिस्तान से लश्कर के करीब-करीब खत्म हो चुके स्लीपर सेल को फिर से संगठित करने का निर्देश दिया गया था। उसने अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने और स्लीपर सेल बनाने के लिए कई वाट्सएप ग्रुप बनाए। पता चला है कि उसके एक ग्रुप में 60 से 70 लोग थे, जिनमें लश्कर के लिए काम करने वाले पाकिस्तान में बैठे कुछ कट्टर आतंकी भी थे। विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के दिमाग में जिहादी विचारधारा भरकर उन्हें आतंकी बनाने वाले लोगों को तलाश कर वाट्सएप से जोड़ना उसका मुख्य उद्देश्य था। इसके अलावा तानिया उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे विभिन्न अनधिकृत मदरसों का भी लगातार दौरा करती थी, जहां वह संगठनों में नए लोगों की भर्ती के लिए जिहादी भाषण भी देती थी।
आतंकी शिविर भी बनाए
जांच अधिकारियों को मिली सूचना के अनुसार तानिया ने मालदा और मुर्शिदाबाद में कई आतंकी शिविर भी बना लिए थे, जहां तानिया बताती थी कि जिहाद के लिए उग्र भाषण कैसे दिया जाता है और आतंकी गतिविधियों का संचालन किस तरह से किया जाता है।
हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने पाक जाने वाली थी
जांच में यह भी पता चला है कि तानिया अत्याधुनिक हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने के लिए पाकिस्तान जाने की भी तैयारी में थी। इसके लिए उसने हाफिज सईद के दो सहयोगियों के साथ बातचीत कर सबकुछ तय कर लिया था। वह बांग्लादेश होते हुए पाकिस्तान जाकर वहां की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के कुछ शीर्ष अधिकारियों से मिलने वाली थी। बंगाल एसटीएफ के अधिकारियों को पता चला है कि संगठन के लिए मोटी रकम साथ लाने की योजना थी ताकि वह सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े आतंकी नेटवर्क स्थापित कर सके, लेकिन उसका मंसूबा नाकाम हो गया।