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    Nilgiris Cold Weather: तमिलनाडु के नीलगिरी में शून्य डिग्री के करीब पहुंचा तापमान, बदलते मौसम पर एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता

    Updated: Thu, 18 Jan 2024 03:57 PM (IST)

    तमिलनाडु स्थित नीलगिरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता को लेकर विश्व प्रसिद्ध है लेकिन यहां के बदलते मौसम की वजह से अब हालात बदलने लगे हैं। नीलगिरी में जिस तरह से तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है उससे एक्सपर्ट्स चिंतित है। इन दिनों नीलगिरी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और तापमान शून्य डिग्री तक के करीब पहुंच गया है।

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    नीलगिरी में शून्य डिग्री पहुंचा पारा। (फोटो- एएनआई/सांकेतिक)

    पीटीआई, नीलगिरी। तमिलनाडु स्थित नीलगिरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता को लेकर विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के बदलते मौसम की वजह से अब हालात बदलने लगे हैं। नीलगिरी में जिस तरह से तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है, उससे एक्सपर्ट्स चिंतित है। इन दिनों नीलगिरी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और तापमान शून्य डिग्री तक के करीब पहुंच गया है।

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    नीलगिरी के तापमान में गिरावट दर्ज

    प्रकृति की गोद में बसे नीलगिरी में तापमान में गिरावट की वजह से लोगों को कड़ाके की ठंड से जूझना पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण यहां का मौसम असामान्य है और ठंड का असर लोगों से लेकर खेती-बाड़ी तक पर पड़ा है। ठंड का आलम ऐसा है कि हरे-भरे लॉन पाले से ढके हुए हैं और घने कोहरे की वजह से दृश्यता प्रभावित हुई है।

    एक डिग्री तक पहुंचा पारा

    मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, उधगमंडलम के कंथल और थलाईकुंठा में तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बॉटनिकल गार्डन में तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सैंडिनल्लाह में तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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    ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पड़ रही ठंड?

    इस बेमौसम ठंड ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ एक्सपर्ट्स को भी चिंता में डाल दिया है। नीलगिरी एनवायरमेंट सोशल ट्रस्ट (एनईएसटी) के वी शिवदास ने बताया कि यहां के मौसम बदलने के पीछे का कारण ग्लोबल वार्मिंग और अल-नीनो है। उन्होंने कहा कि समय से ठंड नहीं पड़ी रही है। इस तरह का जलवायु परिवर्तन नीलगिरी के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव पर अध्ययन किया जाना चाहिए।

    खेती-बाड़ी पर भी ठंड का असर

    बता दें कि असामान्य ठंड की वजह से चाय बगान भी प्रभावित हुआ है। स्थानीय चाय श्रमिक संघ के सचिव आर सुकुमारन ने कहा कि पहले दिसंबर में भारी बारिश और अब ठंड ने अब चाय बागान को प्रभावित किया है। उन्होंने आशंका जताया कि अगर ऐसा ही रहा तो चाय का उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा इसका असर गोभी की खेती पर पड़ा है।

    वहीं, भीषण ठंड की वजह से सुबह-सुबह दफ्तर जाने वाले लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एक सरकारी कर्मचारी एन रविचंद्रन ने बताया कि ठंड के कारण सुबह-सुबह घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

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