'फासीवादी है DMK...', साउथ एक्टर विजय ने MK स्टालिन के किस फैसले पर जताई आपत्ति?
तमिल सुपरस्टार विजय ने डीएमके सरकार पर आधी रात को सफाई कर्मचारियों की गिरफ्तारी का आरोप लगाया है जब वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे। विजय ने इस कार्रवाई को अमानवीय और अराजक बताते हुए सरकार की निंदा की है। मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के बाहर से लगभग 900 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिल सुपरस्टार विजय ने डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए एमके स्टालिन सरकार पर आधी रात को सफाई कर्मचारियों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। आरोप में कहा गया कि गिरफ्तारी तब हुई जब वे अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के प्रमुख विजय ने कहा, "अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे सफाई कर्मचारियों को आधी रात को अमानवीय और अराजक तरीके से गिरफ्तार करने के लिए फासीवादी डीएमके सरकार की निंदा करता हूं।"
'कुछ महिला कर्मचारी बेहोश'
मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से धरना स्थल खाली करने के आदेश के बाद ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के मुख्यालय रिपन बिल्डिंग के बाहर आज सुबह लगभग 900 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया। विजय ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ महिला कर्मचारी बेहोश हो गईं, जबकि कुछ को घसीटते समय चोटें आईं।
उन्होंने घायलों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता और उपचार की मांग करते हुए कहा, "आधी रात को हुई इस गिरफ़्तारी कार्रवाई को देखकर साफ जाहिर है कि महिलाओं पर इस हद तक हिंसा की गई है कि कोई भी विवेकशील व्यक्ति इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें विभिन्न स्थानों पर हिरासत में रखा गया है और वे अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
'क्या सफाई कर्मचारी राष्ट्रविरोधी तत्व'
अभिनेता ने कहा, "उन्हें इस तरह हिरासत में रखना कि उनके परिवारों से बातचीत भी बंद हो जाए, क्या सफ़ाई कर्मचारी राष्ट्रविरोधी तत्व हैं? क्या सत्तारूढ़ सरकार में जरा भी विवेक है? इस क्रूर कार्रवाई को देखकर यह बिल्कुल साफ़ हो जाता है कि तमिलनाडु में जो हो रहा है वह लोकतंत्र नहीं बल्कि अत्याचार है।"
कर्मचारियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए, उन्होंने यह भी जानना चाहा कि डीएमके सरकार ने चुनाव से पहले उनसे किए गए वादे क्यों पूरे नहीं किए।
सफ़ाई कर्मचारी पिछले 13 दिनों से रिपन बिल्डिंग के बाहर धरना दे रहे थे। मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की पीठ ने कल राज्य प्रशासन को धरना स्थल खाली कराने का निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक फुटपाथों पर धरना देना जायज़ नहीं है।
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