Tahawwur Rana को देश के अलग-अलग शहरों में लेकर जाएगी NIA, आतंकी के साथ अगले 18 दिनों तक क्या होगा?
Tahawwur Rana मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के साथ एनआईए के अधिकारी लगातार पूछताछ कर रहे हैं। मुंबई आतंकी हमले की साजिश की लिंक को जोड़ने के लिए तहव्वुर राणा को देश के उन जगहों पर ले जाया जाएगा जहां उसने रेकी की थी। बता दें कि राणा और उसके साथी डेविड हेडली ने मुंबई हमले से पहले देश के कई इलाकों का दौरा किया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका से भारत लाए गए आतंकी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) फिलहाल दिल्ली स्थित एनआईए (NIA) हेडक्वार्टर में मौजूद है। एनआईए अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं। गुरुवार को पालम एयरपोर्ट से सीधे राणा को पटियाला हाउस कोर्ट लाया जाया गया।
अदालत ने राणा को NIA की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। 18 दिनों की रिमांड के दौरान तहव्वुर राणा के साथ क्या-क्या पूछताछ की जाएगी। वहीं, इन 18 दिनों में राणा को देश के किन शहरों में ले जाया जाएगा इस पर आज (शुक्रवार) एनआईए अधिकारियों की हाई लेवल मीटिंग हुई।
देश के कई शहरों में राणा को ले जाया जाएगा
शुरुआत के कुछ दिनों में राणा के साथ पूछताछ की जाएगी। फिर आतंकी हमले से पहले जिन-जिन स्थानों पर तहव्वुर राणा, डेविड हेडली (मुंबई आतंकी हमले का अन्य मास्टरमाइंड) ने रेकी की थी, उन स्थानों पर उसे ले जाया जाएगा। इसके बाद इसकी भी एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि राणा को मुंबई, अहमदाबाद, आगरा, दिल्ली के कुछ इलाकों में ले जाया जाएगा।
बता दें कि साल 2008 में 13 नवंबर और 21 नवंबर के बीच तहव्वुर राणा और उसकी पत्नी ने दिल्ली, आगरा, अहमदाबाद और मुंबई सहित कई शहरों का दौरा किया था। वहीं, वो इस दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंसी (ISI) के संपर्क में भी था। ISI ने आतंकी हमले के लिए तहव्वुर को फंडिंग भी दी थी।
(फोटो सोर्स: U.S. Marshals Service photo by Shane T. McCoy)
क्या तहव्वुर राणा को हो सकती है फांसी?
175 बेगुनाहों की मौत का गुनहगार तहव्वुर राणा को फांसी होगी या नहीं, इसकी चर्चा देशभर में हो रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ज्ञानंत सिंह कहते हैं कि प्रत्यर्पण के मामले में अभियुक्त जिस देश से आ रहा है अगर वहां मृत्युदंड की सजा है तो उसे यहां भारत में भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। राणा के कनाडा का नागरिक होने पर वह कहते हैं कि अभियुक्त किस देश का नागरिक है इसका कोई फर्क नहीं पड़ता अगर अपराध भारत में हुआ है तो उसे भारत के कानून से डील किया जाएगा। उस पर भारत का कानून लागू होगा।
क्या कहता है प्रत्यर्पण संधि?
नियम के अनुसार, प्रत्यर्पण पत्र में जिस मुकदमे और जिन आरोपों का जिक्र किया गया होगा उन्हीं मामलों में राणा पर मुकदमा चलेगा। अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि का आर्टिकल 8 कहता है कि जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यर्पण मांगा जा रहा, अगर वह अपराध प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्यु दंड से दंडित किया जा सकता है लेकिन यदि प्रत्यर्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यर्पण की मांग ठुकरा सकता है।
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा पर आतंकवाद का आरोप है। उस पर भारत पर हमला करने की साजिश के आरोप हैं और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है। बता दें कि देश में न्यायपालिका प्रक्रिया ऐसी है कि रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में ही फांसी की सजा दी जाती है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत तहव्वुर राणा के मुकदमे को भी रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस के तौर पर देखेगी और उसे फांसी की सजा देगी।
(पीटीआई इनपुट से)
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