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    साल 2011 से ही PM मोदी की 'वांटेड' लिस्ट में था Tahawwur Rana, वायरल हो रहा प्रधानमंत्री का पुराना पोस्ट

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 08:31 AM (IST)

    तहव्वुर राणा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का साल 2011 का पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। पीएम मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। साल 2011 में अमेरिका ने राणा को मुंबई हमले में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था। पीएम मोदी ने सवाल उठाए थे कि अमेरिका ने किस आधार पर मुंबई आतंकवादी घटना के दोषियों को निर्दोष करार दिया गया।

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    तहव्वुर राणा को लेकर पीएम मोदी ने साल 2011 में किया था पोस्ट।(फोटो सोर्स: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) गुरुवार शाम को भारत लाया गया। एयरपोर्ट से सीधे राणा को पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया। अदालत ने राणा को एनआईए की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है।

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    इसी बीच तहव्वुर राणा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी का साल 2011 का पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। पीएम मोदी (PM Modi) उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। साल 2011 में अमेरिका ने राणा को मुंबई हमले में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था, लेकिन हमलों के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी समूह का समर्थन करने के लिए उसे दोषी ठहराया था।

    इस पर तत्कालीन यूपीए सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा था,"मुंबई हमले में तहव्वुर राणा को निर्दोष बताना भारत की संप्रभुता का अपमान है और यह एक बड़ी विदेश नीति की विफलता है।"

    पीएम मोदी ने अमेरिका के एकतरफा फैसले पर उठाए थे सवाल

    इसके अलावा पीएम मोदी ने सवाल उठाए थे कि अमेरिका ने किस आधार पर मुंबई आतंकवादी घटना के दोषियों को निर्दोष करार दिया गया। मुंबई आतंकी घटना के पीड़ितों को न्याय की जरूरत है।  प्रधानमंत्री ने आगे सवाल पूछा था कि क्या 9/11 के दोषियों का केस हिंदुस्तान की कोर्ट में चल सकता है। क्या अमेरिका इसके लिए भारत को इजाजत देगा।

    बता दें कि साल 2011 के इस पोस्ट पर कई यूजर्स कमेंट्स कर रहे हैं। कई यूजर्स ने तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'थैंक्यू' कहा।

    एक अन्य यूजर ने लिखा, मोदी है तो मुमकिन है। अन्य यूजर ने लिखा,"एक नेता जो अपनी बात पर चलता है। कप्तान मेरा कप्तान।"

    NIA करेगी राणा से पूछताछ

    अदालत के आदेश के तुरंत बाद जांच एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा, इस दौरान एजेंसी उससे 2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ करेगी, जिसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

    बता दें कि दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तहव्वुर राणा के वकील ने कहा कि एनआईए ने 20 दिन की पुलिस हिरासत मांगी थी। कोर्ट ने जांच के लिए 18 दिन की कस्टडी दी है। 

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