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    उत्तर से दक्षिण तक तहव्वुर राणा ने लगाया था चक्कर, आतंकी के कुबूलनामे से 26/11 की छिपी परतें उजागर

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    26/11 मुंबई हमले की जांच में, अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राणा ने अपनी भूमिका स्वीकार की है। एनआईए की पूछताछ में राणा ने डेविड हेडली को भारत यात्रा में मदद करने और हमले के लिए स्थानों की रेकी करने की बात कबूली है। राणा ने 'गजवा-ए-हिंद' के लिए युवाओं की भर्ती करने की बात भी स्वीकार की। जांच एजेंसियां साजिद मीर के बारे में भी जानकारी जुटा रही हैं।

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    राणा ने 26/11 हमले में भूमिका स्वीकारी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई हमले की जांच में एक अहम मोड़ देते हुए अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राणा ने हमले में अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) उससे लगातार पूछताछ कर रही है, जिसका फोकस अभी 26/11 पर है, लेकिन जांच उसके अन्य संभावित आतंकी अभियानों की दिशा में भी बढ़ने वाली है।

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    एजेंसी के अनुसार, राणा ने स्वीकार किया है कि उसने डेविड हेडली को भारत यात्रा के दौरान पूरी मदद दी और उन स्थानों की रेकी में सहयोग किया जिन्हें 26 नवंबर 2008 की रात निशाना बनाया गया था। राणा ने हमले की योजना और पूर्व तैयारियों से जुड़े कई अहम विवरण भी साझा किए हैं।

    राणा ने 26/11 हमले में भूमिका स्वीकारी

    जांचकर्ताओं ने बताया कि राणा हमले के समय मुंबई में मौजूद था, लेकिन उसने उत्तर और दक्षिण भारत के कई अन्य शहरों- जैसे कोच्चि, आगरा, दिल्ली, हापुड़, अहमदाबाद और मुंबई का भी दौरा किया था। ये यात्राएं 13 से 21 नवंबर 2008 के बीच हुईं। NIA अब इन दौरों के पीछे की उसकी असली मंशा की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

    गजवा-ए-हिंद के लिए केरल के युवाओं पर जोर सूत्रों के अनुसार, राणा और हेडली दोनों अल-कायदा की 313 ब्रिगेड के तत्कालीन प्रमुख इलियास कश्मीरी के नियमित संपर्क में थे।

    'गजवा-ए-हिंद' आतंकी प्रोजेक्ट के लिए भारत दौरा 

    कश्मीरी ने राणा को 'गजवा-ए-हिंद' नामक आतंकी प्रोजेक्ट के लिए देशभर, विशेषकर केरल से, बड़ी संख्या में युवाओं की भर्ती का लक्ष्य दिया था। इसी योजना के तहत राणा ने केरल में अपने इमिग्रेशन कंसल्टेंसी के नाम पर लोगों को जोड़ने और विज्ञापनों के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की।

    अधिकारियों का कहना है कि राणा की इन गतिविधियों से संकेत मिलता है कि वह कश्मीरी की दीर्घकालिक भर्ती और नेटवर्क विस्तार की योजना के तहत 'ग्राउंडवर्क' तैयार कर रहा था। हालांकि 26/11 के अलावा उसकी अन्य गतिविधियों के बारे में स्पष्ट जानकारी अभी कम है।

    इनसेटसाजिद मीर के बारे में भी राणा से पूछताछ मुंबई हमले के 17 साल बाद भी कुछ रहस्य उजागर नहीं हो पाए हैं, जिनमें प्रमुख है रहस्यमयी साजिद मीर के बारे में विस्तृत जानकारी।

    हेडली को भारत यात्रा में मदद की

    माना जाता है कि मीर ISI का एजेंट था और उसने इस हमले में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। हमलों से पहले उसने क्रिकेट प्रशंसक के तौर पर भारत का दौरा किया। उसने दाऊद इब्राहिम के साथ सलाह मश्विरा करके लक्ष्य निर्धारित किए। इसके बाद डेविड हेडली को मुंबई भेजकर इन जगहों को अंतिम रूप दिया।

    माना जाता है कि इस अभियान के लिए मीर ने खास तौर पर भर्ती, योजना, लाजिस्टिक्स और प्रशिक्षण की निगरानी की थी। मीर ने ही मेजर इकबाल और मेजर समीर अली को 10 आतंकियों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा सौंपा था। जांच एजेंसियां अब तहव्वुर राणा से मीर के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए पूछताछ कर रही हैं।

    (न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)