Zakir Hussain: पद्मश्री समेत कई सम्मानों से नवाजे गए उस्ताद जाकिर हुसैन, पांच ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले; जानिए अब तक का सफर
Tabla maestro Zakir Hussain dies तबले को वैश्विक मंच पर ले जाने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन की तबीयत बेहद गंभीर बताई जा रही है। हालांकि शाम तक उनके निधन की खबर भी आई थी लेकिन बाद में बताया गया कि यह खबर गलत है। उस्ताद जाकिर हुसैन ने दुनियाभर में ख्याति प्राप्त की है। जानिए कैसा रहा है उनका सफर।

पीटीआई, नई दिल्ली। पद्म विभूषण से सम्मानित प्रख्यात तबला वादक जाकिर हुसैन की तबीयत बेहद गंभीर है। हालांकि शाम तक उनके निधन की खबर आई थी, लेकिन अब जानकारी सामने आ रही है कि इसकी पुष्टि नहीं हुई है और वह अभी भी आईसीयू में भर्ती हैं।
बता दें कि जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में इलाज चल रहा है। दिल से जुड़ी दिक्कतों के बाद उन्हें दो सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने रविवार को बताया था कि जाकिर को आइसीयू में एडमिट कराया गया है। इसके कुछ देर बाद ही उनके निधन की खबर आ गई थी, लेकिन अब यह गलत बताई जा रही है। फिलहाल जाकिर के परिवार समेत उनके दुनियाभर के प्रशंसक उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
दिल से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं
तबले को वैश्विक मंच पर ले जाने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन 73 वर्ष के हैं। पिछले दो सप्ताह से दिल से जुड़ी समस्या के कारण सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती हैं। तबला वादक के लिए वह विश्वभर में प्रसिद्ध हैं और देश-विदेश के कई बड़े सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं।
पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित
जाकिर हुसैन को भारत सरकार की ओर से पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। वह उस्ताद अल्लाह रक्खा के बेटे हैं। उन्होंने पिता के मार्गदर्शन में तीन साल की उम्र में तबला बजाना सीखना शुरू किया था। जाकिर ने दुनिया भर में कई उपलब्धियां हासिल कीं।
ग्रैमी अवॉर्ड भी जीता
उन्हें पांच ग्रैमी अवार्ड मिले हैं, जिनमें इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी अवार्ड्स में मिले तीन अवार्ड शामिल हैं। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक जाकिर को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
जाकिर को बराक ओबामा ने आल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। व्हाइट हाउस में कॉन्सर्ट में आमंत्रित किए जाने वाले वह पहले भारतीय संगीतकार हैं।
फिल्मों में भी किया अभिनय
जाकिर हुसैन ने फिल्मों में अभिनय भी किया है। इनमें ब्रिटिश फिल्म हीट एंड डस्ट शामिल है। उन्होंने 1998 की बॉलीवुड फिल्म साज में भी काम किया था। जाकिर हुसैन को फिल्म मुगल ए आजम में सलीम के छोटे भाई का रोल भी ऑफर हुआ था, लेकिन पिता को उस वक्त यह मंजूर नहीं था। वे चाहते थे कि उनका बेटा संगीत पर ही ध्यान दे।
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