Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आनलाइन परीक्षाओं में हैकर्स की घुसपैठ, गलत अभ्यर्थियों के चयन की आशंका बढ़ी

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Tue, 11 Jan 2022 11:16 AM (IST)

    हाल की विभिन्न आनलाइन परीक्षाओं में हैकर्स की घुसपैठ की अनेक घटनाएं सामने आई हैं जिससे परीक्षाओं की निष्पक्षता और गलत अभ्यर्थियों के चयन की आशंका बढ़ी ...और पढ़ें

    Hero Image
    हैकर्स के निशाने पर आनलाइन परीक्षाएं। प्रतीकात्मक

    रंजना मिश्र। तमाम सरकारी पदों पर नियुक्तियों और शीर्ष शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इसके तहत लिखित परीक्षाओं में नकल के संदर्भ में अनेक तरीके से प्रयास किए जाते रहे हैं। किसी एक तरीके के पकड़ में आने पर दूसरे तरीके की ओर ध्यान दिया जाता है। अक्सर इसमें ऐसे गिरोह भी पकड़ में आए हैं जो बड़ी रकम लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराते हैं या फिर प्रश्नों के उत्तर उनतक पहुंचाते हैं। परंतु नकल की अधिकांश तरकीब को जान-समझ लिया गया है और शासन-प्रशासन की ओर से नकेल इतनी अधिक कस दी गई है कि उसे तोड़ पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में ये लोग नए नए तरीके तलाशते रहते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब नकल करने की एक नई साजिश सामने आई है, जिसमें रूस के हैकर्स के जरिये भारत की बड़ी-बड़ी परीक्षाएं जैसे जेईई, जीमैट, एसएससी और यहां तक कि सेना की आनलाइन परीक्षाएं पास कराई जा रही हैं। दरअसल नकल कराने वाले एक गिरोह ने रूस के हैकर्स से संपर्क करके उनसे एक ऐसा साफ्टवेयर बनवाया है, जिसके जरिये उन्होंने आनलाइन परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का रिमोट एक्सेस लेकर वहीं से सारे सवालों के जवाब लैपटाप में फीड कर दिए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के विभिन्न राज्यों में छापेमारी की और ऐसे कई आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो इस संगीन अपराध में संलग्न थे।

    रिमोट एक्सेस के जरिये किसी भी लैपटाप को कोई दूर बैठा हैकर्स संचालित और नियंत्रित कर सकता है। वैसे आमतौर पर जब ऐसा होता है तो परीक्षा कराने वाले विभाग और संस्था को इसका पता चल जाता है, लेकिन यह साफ्टवेयर इस तरह से विकसित किया गया है कि किसी लैपटाप के रिमोट एक्सेस के दौरान, इसकी जानकारी गुप्त रहती थी और वह पकड़ा नहीं जाता था। इसके जरिये परीक्षा देने वाला अभ्यर्थी केवल अपना लैपटाप खोल कर बैठ जाता था और परीक्षा देने का नाटक करता था, जबकि प्रश्नों के उत्तर दूर बैठा हैकर्स रिमोट एक्सेस के जरिये उसके लैपटाप में फीड कर देता था। इसके बदले में अभ्यर्थियों से मोटी रकम ली जाती थी। पिछले तीन वर्षो में ये हैकर्स अनेक अभ्यर्थियों को जीमैट समेत कई अन्य संगठनों की आनलाइन परीक्षाओं में पास करा चुके हैं।

    इन भ्रष्ट अभ्यर्थियों और नकल कराने वाले आरोपियों ने भारत के तमाम प्रतिभाशाली, मेहनती और ईमानदार छात्रों और उनके परिवारों के साथ धोखा किया है। ये अभ्यर्थी दिन-रात कड़ी मेहनत करके पढ़ाई करने के बावजूद, योग्य होते हुए भी इन परीक्षाओं में सफल नहीं हो सके और उनकी जगह बेईमान और अयोग्य अभ्यर्थियों ने ले ली। इन अपराधियों ने ऐसे प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के भविष्य को चौपट कर दिया है, जिनकी देश को आवश्यकता थी। इसके साथ ही ये मामले अत्यंत खतरनाक भी हैं, क्योंकि हमारी सेना में और देश के अलग-अलग सरकारी विभागों में ऐसे लोग प्रवेश कर रहे हैं, जो न तो योग्य हैं और न ही उपयोगी। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि वे सही से कैसे काम कर पाएंगे।

    इस हैकर्स गिरोह का मास्टरमाइंड बहुत अधिक पढ़ा-लिखा नहीं है। आगरा, दिल्ली और मुंबई समेत कई बड़े शहरों में उसने कंप्यूटर लैब्स खोल रखी हैं, जहां ऐसे लोगों को नियुक्त कर रखा था, जो वैध अभ्यर्थियों के बदले वहां बैठकर परीक्षा देते थे, जिन्हें साल्वर्स के नाम से जाना जाता है। यह आरोपी कई वषोर्र् से रूसी हैकर्स के संपर्क में था। इस गैंग के साथ कई शहरों के कोचिंग सेंटर मिले हुए थे, जहां छात्र परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग लेते हैं। ये कोचिंग सेंटर ऐसे छात्रों की तलाश में रहते थे, जो पास होने के लिए बड़ी रकम चुकाने को तैयार हों और उनसे ये पास कराने के बदले लाखों रुपये लेने की डील कर लेते थे। यह बात भी सामने आई है कि डार्क वेब के जरिये भी ये लोग छात्रों से संपर्क करते थे। मालूम हो कि डार्क वेब की साइटों को हर कोई नहीं देख सकता, क्योंकि इनके आइपी एड्रेस और उनकी डिटेल्स को छिपा कर रखा जाता है।

    प्रश्न पत्र लीक : पहले छात्र कक्षा में नकल करते थे, लेकिन जब प्रतियोगी परीक्षाओं में सख्ती के कारण नकल करना मुश्किल हो गया तो परीक्षाओं से पहले प्रश्न पत्र लीक होने लगे। हर वर्ष किसी न किसी परीक्षा को रद करना पड़ता है, क्योंकि उसका प्रश्न पत्र परीक्षा के पहले ही लीक हो जाता है, बिक जाता है या इस तरह के हैकर्स के हाथ में पहुंच जाता है। प्रश्न पत्रों के लीक होने से रोकने के लिए जब सरकारी विभागों में सख्ती बढ़ाई गई तो नकल करने की एक अलग विधि ईजाद की गई। विशेष प्रकार से बनी चप्पलों को ब्लूटूथ से कनेक्ट कर दिया जाता था और नकल कराने वाले लोग छात्रों को प्रश्न का उत्तर बता दिया करते थे। लेकिन अब इनकी जगह हैकर्स ने ले ली है, जिन्होंने आनलाइन होने वाली इन बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के पूरे तंत्र को मजाक बनाकर रख दिया है। ऐसे जालसाजों से अपने भविष्य को बचाने के लिए सभी छात्रों को जागरूक होना चाहिए और ऐसी किसी भी प्रकार की आशंका होने पर या जानकारी मिलने पर संबंधित अधिकारियों को जरूर बताना चाहिए, क्योंकि छात्रों और देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे लोगों का पकड़ा जाना और उन्हें सजा मिलनी बहुत जरूरी है।

    [शिक्षा मामलों की जानकार]