Monkey Pox: मंकीपाक्स के क्या हैं लक्षण और कैसे फैलता है संक्रमण, इलाज से लेकर बचाव के उपाय तक जानें सबकुछ
Monkey pox Virus मंकीपाक्स का खतरा अपने चरम पर पहुंच चुका है। WHO ने शनिवार को मंकीपाक्स के प्रकोप को अब वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। जानें क्या है मंकीपाक्स के लक्षण और कैसे फैलता है यह संक्रमण-

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि मंकीपाक्स का कहर बरपने लगा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को मंकीपाक्स के प्रकोप को अब वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपाक्स दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है। इस साल अब तक मंकीपाक्स के 14,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अफ्रीका में मंकीपाक्स से पांच लोगों की मौतें भी हुई हैं। वहीं भारत में भी मंकीपाक्स दस्तक दे चुका है। केरल में इस वायरस के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
मंकीपाक्स के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने हिदायतें जारी की हैं, जिसके मुताबिक जिन लोगों में मंकीपाक्स के लक्षण दिखाई दें, उसकी सूचना अपने राज्य व यूटी के स्वास्थ्य विभाग को देने और ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखने को कहा गया है।
क्या है मंकीपाक्स?
मंकीपाक्स वायरस एक मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। 1958 में यह पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों (tropical rainforest area) में यह रोग में होता है।
मंकीपाक्स का लक्षण-
- बार-बार तेज बुखार आना।
- पीठ और मांसपेशियों में दर्द।
- त्वचा पर दानें और चकते पड़ना।
- खुजली की समस्या होना।
- शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना।
- मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है।
- संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।
- चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना।
- गला खराब होना और बार-बार खांसी आना।
ध्यान दें! कैसे फैलता है संक्रमण-
- मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में पंकीपाक्स के लक्षण हैं, तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए।
- मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
- यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से भी हो सकता है।
क्या है मंकीपाक्स का इलाज
मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है। मंकीपाक्स को यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इसे कम जोखिम वाला वायरस बताया है।
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