जानें क्या है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, ना करें नजरअंदाज, बन सकती है बड़े खतरे की घंटी!
यूटीआई की समस्या सफाई न रखने के कारण अधिक होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपना टॉयलेट हमेशा साफ और सुथरा रखें।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण महिलाओं को होने वाली बीमारी है, इसे यूटीआई नाम से भी जाना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी यूटीआई से ग्रसित होती हैं। मूत्र मार्ग संक्रमण जीवाणु जन्य संक्रमण है जिसमें मूत्र मार्ग का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है। हालांकि मूत्र में तरह-तरह के द्रव होते हैं किंतु इसमें जीवाणु नहीं होते। यूटीआई से ग्रसित होने पर मूत्र में जीवाणु भी मौजूद होते हैं। जब मूत्राशय या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं तो यह स्थिति आती है। आइए हम आपको इससे बचने के उपाय के बारे में बताते हैं।
यूटीआई की वजह
यूटीआई होने की असली वजह महिलाओं का साफ न रहना है। असल में गुप्तांग बेहद संवेदनशील शारीरिक भाग होने के साथ-साथ बाहरी संक्रमण फैलने का खतरा भी इसमें सबसे ज्यादा होता है। अगर यूरेथरा यानी वह ट्यूब जहां से यूरिन पास होता है, कि अच्छी तरह सफाई न की जाए तो संक्रमण वहां से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच सकता है और संक्रमण फैलाता है। यहां तक कि कई बार ब्लैडर में सूजन जैसी समस्या भी देखने को मिलती है।
यूटीआई के लक्षण
यूटीआई से निजात पाने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वे इसके लक्षणों को बेहतर तरीके से समझें और इसके विषय में पूरी जानकारी रखें। यूटीआई होने के पहले लक्षण में शामिल होता है गुप्तांग में जलन। इसके अलावा बार-बार यूरिन आना, जबकि हर बार पेशाब की मात्रा में कमी होती है। लोअर एब्डमन में दर्द होना है या किसी तरह का दबाव महसूस करना। यही नहीं यूटीआई होने पर महिला को हमेशा थकान महसूस होती है और कई स्थिति में जब संक्रमण बुरी स्थिति में पहुंच जाता है तो महिला को बुखार भी हो जाता है। असल में यूटीआई होने पर बुखार आने का मतलब है कि संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है।
सफाई पर ध्यान दें
यूटीआई की समस्या सफाई न रखने के कारण अधिक होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपना टॉयलेट हमेशा साफ और सुथरा रखें।
खानपान में सावधानी बरतें
खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरुरी है। गंदी जगह पर बनाया गया खाना खाने से भी यह परेशानी हो सकती है। खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है इसलिए उससे भी मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है। इसलिए बाहर का खाना खाने से बचें।
अधिक पानी पियें
इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। खूब सारा पानी पियें, हर एक घंटे में पेशाब लगनी जरुरी होता है इसलिये आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी तो रोज पीना चाहिये।
पेशाब नहीं रोकें
कभी भी तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह संक्रमण फैलता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जैसे ही संक्रमण का कोई भी लक्षण महसूस हो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। देर करने से ये संक्रमण बढ़कर गुर्दों तक पहुंचकर उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकता है।