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    भोपाल में संदिग्ध बांग्लादेशी भाइयों ने फर्जी तरीके से बनवाए पासपोर्ट और हो गए गायब, इंटेलिजेंस कर रही तलाश

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 07:03 AM (IST)

    संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करके पासपोर्ट बनवाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने जांच के बाद दो भाइयों पर धोखाधड़ी की एफआइ ...और पढ़ें

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    भोपाल में संदिग्ध बांग्लादेशी भाइयों ने फर्जी तरीके से बनवाए पासपोर्ट और हो गए गायब (सांकेतिक तस्वीर)

    जेएनएन, भोपाल।संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा जाली दस्तावेज तैयार करके पासपोर्ट बनवाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने जांच के बाद दो भाइयों पर धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। हालांकि अभी दोनों भाई कहां है, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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    अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों इंटेलिजेंस की ओर से दोनों युवकों की जांच के लिए पत्र आया था, जिस पर कार्रवाई की गई है।

    पुलिस के अनुसार, संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद रिहान अंसारी और मोहम्मद मकबूल अंसारी पिता सफकूल हक अंसारी ने भोपाल स्थित राजवैद्य कालोनी कोलार रोड के पते का उल्लेख कर भारतीय पासपोर्ट बनवाया था।

    इसे लेकर पासपोर्ट कार्यालय ने इंटेलिजेंस को जानकारी दी। संदेह होने पर इंटेलिजेंस की ओर से एक पत्र कोलार थाना क्षेत्र की सहायक पुलिस आयुक्त अंजली रघुवंशी के पास जांच के लिए भेजा गया।

    जांच के दौरान पता चला कि दोनों आरोपितों ने सात अगस्त 2014 को राजवैद्य कालोनी निवासी लक्ष्मी ठाकुर के पते पर किरायेदारी का अनुबंध पत्र बनवाया था। इसके आधार पर दोनों ने आधार कार्ड और मतदाता पत्र बनवाए। इन दस्तावेजों के जरिये पासपोर्ट के आवेदन किया था।

    जांच में चौंकाने वाली सामने यह आई कि दोनों उस मकान में कभी रहे ही नहीं। मकान मालिक के बयानों में भी इस बात की पुष्टि हुई है।

    इस पर दोनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी औरपासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली गई है। हालांकि दोनों ही पासपोर्ट लेने के बाद से गायब हैं। भोपाल के पुलिस उपायुक्त मयूर खंडेलवाल का कहना है कि दोनों का पता लगाया जा रहा है।

    भारत में अवैध रूप से रह रहे पति को वापस पाने के लिए कोर्ट पहुंची पाकिस्तानी युवती

    पांच वर्ष पहले इंदौर में ब्याही गई पाकिस्तानी महिला निकिता ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की है। इसमें उसने भारत में अवैध रूप से रह रहे पति को वापस पाकिस्तान भेजने और उसकी दूसरी शादी रोकने की मांग की है।

    निकिता अभी कराची में रहती है। उसने पति विक्रम नागदेव, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, आयकर विभाग, इंदौर कलेक्टर, इंदौर पुलिस कमिश्नर और सिंधी पंचायत अध्यक्ष किशोर कोडवानी को पक्षकार बनाया है। अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

    अधिवक्ता दिनेश रावत के माध्यम से दायर याचिका में निकिता ने शादी का सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत किया है, जो पाकिस्तान से जारी हुआ है। इसमें शादी की तारीख 20 जनवरी, 2020 लिखी है। इसमें दोनों को पाकिस्तानी नागरिक बताया गया है।

    निकिता का आरोप है कि उसके पति विक्रम ने दिल्ली की शिवानी ढींगरा से सगाई कर ली है, जबकि अब तक उनका तलाक नहीं हुआ। कहा कि ससुराल पक्ष के लोगों ने शादी के कुछ माह बादही उसे जबरन इंदौर से पाकिस्तान भेज दिया था।