Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किराए की कोख में भी बड़े धोखे

    By Edited By:
    Updated: Sun, 19 Jan 2014 11:47 AM (IST)

    आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की इनविट्रो फर्टिलिटी व सरोगेट मदर (किराए की कोख) तकनीक संतान-वंचित दंपती के लिए वरदान साबित हुई है। लेकिन विभिन्न आविष्कारों की तरह इस तकनीक का भी व्यावसायिक दुरुपयोग शुरू हो गया है। इसका उपयोग करते समय थोड़ी सावधानी जरूरी है, क्योंकि किराए पर कोख देने वाली महिलाए

    पटना [पवन कुमार मिश्र]। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की इनविट्रो फर्टिलिटी व सरोगेट मदर (किराए की कोख) तकनीक संतान-वंचित दंपती के लिए वरदान साबित हुई है। लेकिन विभिन्न आविष्कारों की तरह इस तकनीक का भी व्यावसायिक दुरुपयोग शुरू हो गया है। इसका उपयोग करते समय थोड़ी सावधानी जरूरी है, क्योंकि किराए पर कोख देने वाली महिलाएं धोखा दे सकती हैं। राजधानी और आसपास के इलाकों से ऐसी शिकायतें मिली हैं कि मां बनने के किराये की पहली किस्त लेने के बाद महिलाएं ज्यादा राशि की मांग करती हैं और मुराद पूरी न होने पर गर्भपात कराकर अपने ग्राहक को धोखा दे देती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केस 1

    पैसे लेने के बाद खाई गर्भ गिराने की दवा

    गत वर्ष नवंबर में बिहार मूल के मुंबई निवासी एक दंपती ने मनेर की एक महिला की कोख किराए पर ली। डेढ़ लाख रुपये में सौदा तय हुआ। भ्रूण डालने, उसके छह माह बाद और फिर डिलीवरी के वक्त 50-50 हजार की तीन किश्तों में भुगतान होना था। लेकिन, उस युवती ने भ्रूण डलवाने के बाद पैसे लिए और घर जाकर गर्भ गिराने की गोली खा ली। जांच में भ्रूण गायब मिलने पर और कानूनी दांवपेच का भय दिखाने पर उसने सच्चाई बताई। चिकित्सकों के अनुसार ऐसा करने से किराए पर कोख देने वाली महिलाओं को शारीरिक परेशानी भी नहीं होती और पैसे भी मिल जाते हैं। दोबारा, भ्रूण डलवाने पर उन्हें फिर पैसे मिलते हैं।

    केस-2

    राजधानी के ही एक पॉश इलाके में रहने वाले दंपती ने किराए की कोख के लिए उनके घर में काम करने वाली महिला से संपर्क किया। दोनों के बीच सौदा तय होने के बाद महिला की मेडिकल जांच करायी गई। सभी टेस्ट सही निकले। इसके बाद महिला की कोख में भ्रूण डाला गया। दंपती बहुत खुश थे। कुछ दिनों बाद महिला अचानक गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद उस महिला से संपर्क हो सका। बातचीत के बाद महिला ने जो कहा उसे सुन दंपती के होश उड़ गये। दरअसल महिला ने सौदे की राशि सीधे दोगुनी कर दी थी। फिर दोनों के बीच सहमति बनी और दंपती अपने बच्चे के लिए तय राशि से अधिक पैसा देना पड़ा।

    अपनों पर ही भरोसा

    हाल के वर्षो में राजधानी में किराये की कोख का चलन तेजी से बढ़ा है। खास बात यह कि इच्छुक दंपती अपनी रिश्तेदारों की कोख ही किराये पर लेने का भरोसा अब तक दिखाते रहे हैं। अपनों के नहीं मिलने के बाद ही लोग दूसरे लोगों से संपर्क करते हैं। पैसे के लिए गरीब महिलाएं इसके लिए तैयार भी हो जाती हैं। हालांकि मनेर की घटना ऐसे लोगों के लिए एक संदेश भी है।

    कोट्स ::

    सरोगेट मदर का इंतजाम करना दंपती का काम है। ऐसे विवादों से बचने को हम सगे रिश्तेदारों को वरीयता देते हैं। लेकिन, कानूनी बाध्यता न होने से किसी भी स्वस्थ महिला की कोख किराए पर ली जा सकती है।

    डा. हिमांशु राय, इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ, निदेशक सृजन क्लिनिक

    प्रदेश में बढ़ता चलन :

    - वर्ष 2006 से चलन में आई किराए की कोख अब साल में करीब 20 लोगों को संतान सुख दे रही है।

    - तीन चक्र में प्रदेश में सफलता की दर 90 प्रतिशत और काफी सस्ता होने से अब विदेशों व दिल्ली-मुंबई से लोग यहां आ रहे हैं।

    जरूरत हो तभी लें

    क्या है सरोगेट मदर : सरोगेसी, लैटिन शब्द सबरोगेट से बना है जिसका अर्थ है किसी दूसरे को अपने काम के लिए नियुक्त करना। सरोगेट मदर वह है जो किसी दूसरी स्त्री के लिए बच्चे को जन्म देती है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर