सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना अधिवास नियम से संबंधित याचिका पर करेगा सुनवाई, केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ा है मुद्दा
तेलंगाना अधिवास नियम से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तेलंगाना राज्य कोटे के तहत एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को आवास लाभ नहीं दे रहा है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के फैसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। तेलंगाना अधिवास नियम से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि तेलंगाना राज्य कोटे के तहत एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को आवास लाभ नहीं दे रहा है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के फैसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने एक सितंबर को तेलंगाना के मूल नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत केवल वे छात्र जिन्होंने पिछले चार वर्षों से राज्य में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, राज्य के कोटे के तहत मेडिकल और डेंटल कालेजों में प्रवेश के लिए पात्र हैं।
पीठ ने उस वक्त राज्य सरकार और उसके विश्वविद्यालयों की अपील को स्वीकार कर लिया था और तेलंगाना मेडिकल और डेंटल कालेज प्रवेश नियम, 2017 को बरकरार रखा था, जिसे 2024 में संशोधित किया गया था।
नियमों में राज्य कोटे के तहत स्थानीय छात्रों को 85 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अपवाद बताए और कहा कि तेलंगाना और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को कोटा का लाभ मिलेगा, भले ही उनके बच्चों ने पिछले चार वर्षों में राज्य में कक्षा 12 तक की पढ़ाई न की हो।
मंगलवार को पीठ के समक्ष एक याचिका का उल्लेख किया गया और कहा गया कि राज्य सरकार मूल निवास लाभों को केवल राज्य सरकार के कर्मचारियों के बच्चों तक ही सीमित कर रही है, केंद्र सरकार के नहीं। 19 सितंबर को मामले की सुनवाई हो सकती है।
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