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    मासिक धर्म स्वच्छता नीति बनाने में देरी पर राज्यों को SC की चेतावनी, केंद्र को जवाब नहीं देने पर होगी कार्रवाई

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Mon, 24 Jul 2023 09:04 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बीती 10 अप्रैल को केंद्र से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने और स्कूली छात्राओं से संबंधित मासिक धर्म स्वच्छता के प्रबंधन के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय माडल तैयार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया था। अब इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है।

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    मासिक धर्म स्वच्छता नीति बनाने में देरी पर राज्यों को SC की चेतावनी

    नई दिल्ली, प्रेट्र: स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता पर एक समान राष्ट्रीय नीति बनाने की खातिर अभी तक केंद्र को अपना जवाब नहीं सौंपने वाले राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि जो राज्य 31 अगस्त तक जवाब सौंपने में विफल रहेंगे, उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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    केवल चार राज्यों से जवाब मिला

    यह चेतावनी तब आई जब केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसे अब तक केवल चार राज्यों से जवाब मिला है। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने जवाब नहीं देने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 31 अगस्त तक हर हाल में उत्तर देने का निर्देश दिया।

    अदालत लेगी कानून का सहारा

    पीठ ने कहा- जिन राज्यों ने जवाब नहीं दिया है और आगे भी उनका रुख ऐसा ही बना रहता है, तो यह अदालत कानून का सहारा लेने के लिए बाध्य होगी। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार को अब तक केवल चार राज्यों-हरियाणा, दिल्ली, बंगाल और उत्तर प्रदेश से जवाब प्राप्त हुआ है।

    अत्यंत महत्वपूर्ण है यह मुद्दा

    शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को केंद्र से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने और स्कूली छात्राओं से संबंधित मासिक धर्म स्वच्छता के प्रबंधन के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय माडल तैयार करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया था।