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    सुप्रीम कोर्ट ने इसरो विज्ञानी के विदेशी संस्था के साथ सहयोग पर जताई चिंता, बर्खास्तगी को भी रखा बरकरार

    By AgencyEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 14 May 2023 03:45 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने इसरो के एक विज्ञानी की बर्खास्तगी को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति रवि कुमार ने कहा कि केंद्र का कहना है कि विदेशी संस्था के साथ उनका अनधिकृत संबंध है जो देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने इसरो विज्ञानी की बर्खास्तगी को रखा बरकरार (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट ने इसरो के एक विज्ञानी की बर्खास्तगी को बरकरार रखा है। जस्टिस एमआर शाह और सीटी रवि कुमार ने कहा कि उनकी ईमानदारी और विश्वसनीयता पर संदेह करना पूरी तरह से उचित है।

    न्यायमूर्ति रवि कुमार ने कहा कि केंद्र का कहना है कि विदेशी संस्था के साथ उनका अनधिकृत संबंध है, जो देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

    ''बर्खास्तगी के फैसले को नहीं कहा जा सकता अवैध''

    उन्होंने कहा कि जब एक संवेदनशील और रणनीतिक संगठन में एक विज्ञानी द्वारा इस तरह का आचरण किया जाता है तो सेवा से बर्खास्तगी के फैसले को अवैध नहीं कहा जा सकता। डा. वीआर सनल कुमार ने जनवरी 2012 में दिए गए हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

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    कुमार को 15 जनवरी 1992 को इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर, तिरुअनंतपुरम में ग्रुप-ए में विज्ञानी के रूप में नियुक्त किया गया था। एक जुलाई, 1999 को उन्हें विज्ञानी-इंजीनियर एसडी के रूप में पदोन्नत किया गया था।

    28 अगस्त, 2002 को उन्हें प्रोफेसर एचडी किम, स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग, एंडोंग नेशनल यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया के प्रमुख, एक पोस्टडॉक्टोरल प्रशिक्षु के रूप में शामिल होने और एक वर्ष के लिए उनकी सहायता करने के लिए अपीलकर्ता को सॉलिड रॉकेट मोटर्स में शुरुआती और क्षणिक प्रवाह पर एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ के रूप में पहचानते हुए कुमार ने छुट्टी के लिए आवेदन किया था, जो मंजूर नहीं हुआ। हालांकि, वे दक्षिण कोरिया चले गए।