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दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार- हालात बिगड़ने से पहले एक्शन क्यों नहीं लेतीं सरकारें

कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने की कोशिशें पहले ही की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई बंद नहीं करेगा और फिलहाल इस पर अंतिम आदेश नहीं देगा।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 03:25 PM (IST)
दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार- हालात बिगड़ने से पहले एक्शन क्यों नहीं लेतीं सरकारें
पिछली सुनवाई में केंद्र ने कहा था कि दीवाली में प्रतिबंध के बावजूद पटाखों के चलते प्रदूषण में इजाफा हुआ

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जब मौसम गंभीर होता है तो उपाय किए जाते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने की कोशिशें पहले ही की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई बंद नहीं करेगा और फिलहाल इस पर अंतिम आदेश नहीं देगा। अदालत ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इसकी सुनवाई करता रहेगा।

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तेज हवाओं से कम हुआ प्रदूषण, आपके कदमों से नहीं

केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है। जहां पहले एक्यूआई 400 के पार था वह अब 290 हो गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीखा सवाल करते हुए कहा, प्रदूषण तो तेज हवा से कम हुआ है, आपने क्या किया है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, आप बताइए प्रदूषण को रोकने के लिए क्या किया गया? आपने कहा था कि 21 नवंबर से हालात ठीक होंगे। तेज हवा की वजह से हम बच गए हैं लेकिन मौसम विभाग के अनुसार हालात आज शाम से फिर गंभीर हो सकते हैं। वहीं, केंद्र ने कोर्ट को बताया कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और नहीं बढ़ाया जाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के इस सुझाव को मान लिया था कि दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर कोई आदेश देने से पहले कोर्ट 21 नवंबर तक इंतजार किया जाए। केंद्र का कहना था कि दीवाली में प्रतिबंध के बावजूद पटाखों के चलते प्रदूषण में इजाफा हुआ है। इसके अलावा मौसम विभाग की रिपोर्ट है कि उसके बाद से स्थितियों में सुधार होना शुरू होगा। 

सुनवाई की शुरूआत में याचिकाकर्ता वकील विकास सिंह ने कहा कि एक अखबार में खबर छपी कि पंजाब में चुनाव के कारण पराली जलाने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। इस पर सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि हम इससे संबंधित नहीं हैं। विकास सिंह ने कहा कि हम प्रदूषण से चिंतित हैं जिस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम राज्यों को माइक्रो मैनेज नहीं कर सकते हैं।

तीन दिन बाद प्रदूषण का फिर रिव्यू करेगा केंद्र

केंद्र की तरफ से एक लिखित नोट में जवाब दिया गया, जिसे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पढ़कर सुनाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रदूषण कम हुआ है। 20 नवंबर को एक्यूआई 403 था जो मंगलवार को 290 और आज 260 पर आ गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण तेज हवा की वजह से कम हुआ है आपके कदमों की वजह से नहीं। बताइए आपने इसके लिए क्या किया है? कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या स्कूल बंद हैं तो केंद्र ने जवाब दिया कि स्कूल बंद और आगे के बारे में दिल्ली सरकार तय करेगी। इसके अलावा औद्योगिक प्रदूषण के चलते 6 थर्मल पावर संयंत्र 30 नवंबर तक रहेंगे। निर्माण कार्य 21 नवंबर तक बंद किए गए थे। केंद्र की तरफ से कहा गया कि तेज हवा के कारण प्रदूषण कम होगा। तीन दिन बाद फिर से रिव्यू किया जाएगा।


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