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त्रिपुरा में हुई हिंसा की एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट 31 जनवरी को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने त्रिपुरा में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की विशेष जांच दल यानी एसआईटी (Special Investigation Team SIT) से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख तय की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 05:55 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 06:06 PM (IST)
त्रिपुरा में हुई हिंसा की एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट 31 जनवरी को करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा में हिंसा की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर 31 जनवरी को करेगा सुनवाई।

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने त्रिपुरा में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की विशेष जांच दल यानी एसआईटी (Special Investigation Team, SIT) से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह अगले सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता को त्रिपुरा सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया।

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संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एहतेशम हाशमी की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सवाल करने पर त्रिपुरा सरकार का जवाब कि जनहित याचिका दायर करने वाले लोग पश्चिम बंगाल हिंसा पर चुप क्यों हैं पूरी तरह से अशोभनीय है। हाल ही में त्रिपुरा सरकार ने राज्य में हिंसा की घटनाओं की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जनहित याचिका दायर करने वाले लोग बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा पर चुप क्‍यों थे।

राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि त्रिपुरा में चुनाव के दौरान कथित हिंसा की एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका सलेक्टिव प्रकृति की थी। याचिकाकर्ता ऐसी जनहित याचिका को आगे बढ़ाकर एक खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं। त्रिपुरा सरकार ने अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी की याचिका में हलफनामा दायर किया था। एहतेशाम हाशमी (Ehtesham Hashmi) ने कथित तौर पर अक्टूबर में त्रिपुरा में हुई हिंसा के मामले में शीर्ष अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी।


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