किसानों को कैसे मिलेगा मुआवजा? NHAI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट खुली अदालत में करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट NHAI की याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करेगा, जिसमें किसानों को भूमि अधिग्रहण पर ब्याज सहित मुआवजा देने के फैसले की समीक्षा मांगी गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने नोटिस जारी किया और सुनवाई 11 नवंबर, 2025 को तय की। एनएचएआई का कहना है कि इससे 32,000 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा और वह चाहता है कि 2019 का फैसला पिछली तारीख से लागू न हो।

सुप्रीम कोर्ट में NHAI की याचिका पर सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की उस याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई के लिए सहमत हो गया है जिसमें उसने शीर्ष कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की है।
चार फरवरी को उस फैसले में कहा गया था कि एनएचएआइ अधिनियम के तहत जिन किसानों की जमीनें अधिग्रहीत की गई थीं, उन्हें ब्याज सहित मुआवजा देने संबंधी शीर्ष अदालत का 2019 का फैसला पूर्व तिथि से लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट में एनएचएआई की याचिका पर सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने समीक्षा याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 11 नवंबर को खुली अदालत में निर्धारित कर दी।
एनएचएआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाल ही में पीठ को बताया था कि इस मामले का व्यापक प्रभाव लगभग 32,000 करोड़ रुपये का होगा, न कि 100 करोड़ रुपये, जैसा कि याचिका में पहले कहा गया था।
11 नवंबर, 2025 को अगली सुनवाई
पीठ ने मंगलवार को आदेश दिया, ''नोटिस जारी करें, जिसका जवाब 11 नवंबर, 2025 को दोपहर तीन बजे दिया जाए।'' एनएचएआइ ने 19 सितंबर, 2019 के फैसले को आगे की तिथि से लागू करने की मांग की थी।
इससे उन मामलों को फिर से खोलने पर रोक लग जाए जिनमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी और मुआवजे का निर्धारण अंतिम रूप ले चुका था।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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