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    'अवैध निर्माण के मामलों में अदालतें को होना चाहिए सख्त', सुप्रीम कोर्ट ने क्यों की ऐसी टिप्पणी?

    Updated: Thu, 01 May 2025 10:49 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण के मामलों में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाना चाहिए। अदालतों को कानूनी बंधनों से मुक्त नह ...और पढ़ें

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    वैध निर्माण के मामलों में अदालतों को सख्त होना चाहिए: SC (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अवैध निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया है। कोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा कि अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाना चाहिए। अदालतें कानूनी बंधनों से मुक्त नहीं हैं। न्याय कानून के अनुसार ही होना चाहिए। अवैध निर्माण के मामलों में अदालतों को सख्त रुख अपनाना चाहिए।

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    सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर निर्मित भवनों के न्यायिक नियमितीकरण में स्वयं को शामिल नहीं करना चाहिए। इस तरह का दृढ़ रुख बनाए रखने की आवश्यकता न केवल कानून का शासन बनाए रखने के अदालतों के दायित्व से उत्पन्न होती है, बल्कि इस तरह के न्यायिक संयम से सभी की भलाई व सुविधा को बल मिलता है।

    सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को दिया ये आदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को आदेश दिया कि इस आदेश की प्रति सभी हाई कोर्टों को भेजे। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि कानून को उन लोगों को बचाने के लिए नहीं आना चाहिए जो इसकी कठोरता का उल्लंघन करते हैं, ऐसा करने से दंड से मुक्ति की संस्कृति पनप सकती है। अगर इसे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, अगर कानून उन लोगों की रक्षा करता है जो इसकी अवहेलना करने का प्रयास करते हैं, तो उससे कानून के कठोर प्रभाव पर असर पड़ेगा, जो न्यायपूर्ण व्यवस्थित समाज की आधारशिला है।

    सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया HC आदेश

    ये आदेश जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कोलकाता में अवैध निर्माण ढहाने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए दिए। हाई कोर्ट ने कोलकाता नगर निगम को अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दिया था जिसके विरुद्ध कनीज अहमद ने सुप्रीम कोर्ट मे अपील की थी। हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर आदेश दिया था और कहा था कि सिर्फ एक अवैध निर्माण को ही नहीं, बल्कि आस-पड़ोस की सभी संपत्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करें जिनमें अवैध निर्माण हुआ हो।

    सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश से सहमति जताते हुए उसकी प्रशंसा की है। कहा कि वे हाई कोर्ट के जनहित में अवैध निर्माण को रोकने के लिए दिखाए गए साहस और दृढ़ता की प्रशंसा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2024 के राजेन्द्र कुमार बडजात्या बनाम यूपी आवास एवं विकास परिषद मामले में दिए फैसले को उद्धत किया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि प्रत्येक निर्माण नियम-कानूनों का पालन करते हुए किया जाना चाहिए।

    सभी को मानना होगा नियम: SC

    • अगर कोई उल्लंघन अदालत के संज्ञान में आता है तो उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उस फैसले में यह भी कहा था कि अवैध निर्माण के दोषी व्यक्ति के प्रति कोई भी नरमी या दया दिखाना गलत सहानुभूति दिखाने के समान होगा।
    • सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता द्वारा अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए प्रार्थना करने का मौका देने का अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कानून की परवाह नहीं है, उसे दो मंजिल का अवैध निर्माण करने के बाद नियमितीकरण की प्रार्थना करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। न्यायिक विवेकाधिकार औचित्य से निर्देशित होगा।
    • शीर्ष अदालत ने कहा कि यह देखकर दुख होता है कि कई राज्य सरकारों ने इम्पैक्ट फीस भुगतान के आधार पर अवैध विकास के नियमितीकरण का अधिनियम बनाते समय इस पहलू का ध्यान नहीं रखा।

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