सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को SC ने दी राहत, सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की मिली छूट
एक व्यंजन की रेसिपी बताते हुए केरल की सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा ने बार-बार मांस के लिए गौमाता शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद केरल हाई कोर्ट ने उनपर कार्रवाई की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court ) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमे केरल की विवादित सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा (Rehana Fathima) को मीडिया के किसी भी माध्यम पर अपने विचार छापने, पोस्ट करने या प्रकाशित करने से रोक दिया गया था। जस्टिस रोहिनटन नरीमन मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसमें 23 नवंबर 2020 को केरल हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। रेहाना की ओर से सीनियर एडवोकेट कोलिन गोनसाल्वेस कोर्ट में मौजूद थे।
व्यंजन की रेसिपी मे किया था 'गौमाता' शब्द का इस्तेमाल
बता दें कि केरल हाई कोर्ट ने रेहाना पर इंटरनेट में कोई भी सामग्री डालने की पाबंदी लगाई गई थी। HC ने आदेश तब दिया था, जब एक व्यंजन की रेसिपी बताते हुए रेहाना ने बार-बार मांस के लिए 'गौमाता' शब्द का इस्तेमाल किया था। इस मामले में रेहाना के खिलाफ IPC की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट ने इसपर फैसला सुनाया कि पकाए जा रहे मांस के लिए जानबूझकर गौमाता शब्द का प्रयोग आपत्तिजनक है। कोर्ट ने कहा था, 'इस शब्द का इस्तेमाल गलत उद्देश्य के साथ किया गया और किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है।' कोर्ट ने रेहाना पर किसी भी प्रकार के मीडिया से अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने पर रोक लगा दी।
2018 में सबरीमाला मंदिर में घुसने की कोशिश
इससे पहले वर्ष 2018 में रेहाना ने सबरीमाला मंदिर में घुसने की कोशिश भी की थी। इसपर केस दर्ज किया गया था और उन्हें 18 दिन जेल में काटने पड़े थे। पिछले दिनों रेहाना ने नाबालिग बच्चों से अपने अर्द्धनग्न शरीर पर पेंटिंग करवाई और फिर उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था जिसपर काफी विवाद हुआ और उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। वह 2014 में 'किस ऑफ लव' कैम्पेन का हिस्सा भी रह चुकी हैं।