Colonel Sofia Qureshi: '...तो हाई कोर्ट में सुनवाई की क्या जरूरत है?', MP के मंत्री विजय शाह को जुलाई तक मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई को बंद करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि जब वह स्वयं मामले की सुनवाई कर रही है तो हाई कोर्ट में सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने एसआईटी को जांच जारी रखने की अनुमति दी है और अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के संबंध में विवादित टिप्पणी करने के मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई बंद करने के आदेश दिये हैं।
विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक जारी
शीर्ष अदालत ने बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लंबित मामला बंद करने का आदेश देते हुए कहा कि अब वह स्वयं केस सुन रही है ऐसे में हाई कोर्ट में इसी पर सुनवाई होने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने एसआइटी को मामले की जांच जारी रखने की इजाजत देते हुए अगली तारीख पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट मामले में जुलाई में फिर सुनवाई करेगा और इस बीच विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी।
ये आदेश न्यायमूर्ति सूर्य कांत और दीपांकर दत्ता की पीठ ने विवादित टिप्पणी के मामले में एफआईआर दर्ज करने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विजय शाह की याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को दिये। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए मामले में जांच के लिए वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी के लिए विजय शाह को फटकार भी लगाई थी।
तो हाई कोर्ट में सुनवाई की क्या जरूरत है?
बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के निर्देशानुसार एसआइटी गठित हो गई है और एसआइटी जांच कर रही है। एसआइटी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है लेकिन उसे जांच पूरी करने के लिए कुछ और समय चाहिए है। कोर्ट ने एसआइटी की रिपोर्ट को देखा जिसके मुताबिक जांच जारी है और एसआईटी ने मौके का दौरा किया है तथा कुछ उपकरणों को भी जब्त किया है। कोर्ट ने इन बातों को आदेश में दर्ज करते हुए मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया और इस बीच विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक का अंतरिम आदेश जारी रखा।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट में भी मामले की सुनवाई चल रही है। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि अब वह स्वयं इस केस को सुन रही है ऐसे में हाई कोर्ट में साथ साथ सुनवाई चलने की जरूरत नहीं है। हाई कोर्ट की सुनवाई बंद की जाती है। तभी कुछ पक्षकारों ने अर्जी दाखिल कर हस्तक्षेप करने की इजाजत मांगी लेकिन कोर्ट ने इजाजत देने से इन्कार करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि इस मामले का राजनीतिकरण करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने हस्तक्षेप अर्जी निपटा दी हालांकि अर्जीकर्ता को छूट दी है कि अगर उसका कुछ और मुद्दा है तो वह अलग से याचिका दाखिल कर सकता है।
इस मामले में विजय शाह ने एक सभा में आपरेशन सिंदूर की मीडिया ब्रीफिंग करने वाली सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के संबंध में विवादित बयान दिया था जिसके मीडिया में प्रसारित होने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था। विजय शाह ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर विजय शाह की टिप्पणी को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वह मंत्री हैं उन्हें जिम्मेदारी से सोच समझकर बोलना चाहिए। कोर्ट ने उनके गिरफ्तारी पर तो रोक लगा दी थी लेकिन मामले की जांच एसआइटी को करने का आदेश दिया था और एसआइटी से सुप्रीम कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
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