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    'आपने तो अपना ही नया कानून बना लिया...' मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से क्यों नाराज हुआ सुप्रीम कोर्ट?

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 04:16 PM (IST)

    सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को तगड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए दलील दी कि आधी सजा काटने तक उसे जमानत नहीं मिलेगी। हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि मामूली मामलों में जमानत दी जा सकती है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को लगाई फटकार। प्रतीकात्मक तस्वीर

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को करारी फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने अपना नया कानून बना लिया है। हमें यह देखकर हैरानी हुई है। आपके बनाए गए इस नए कानून का कोई कानूनी आधार नहीं है।

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    सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की पीठ ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस फैसले पर सुनवाई की है, जिसमें हाई कोर्ट ने एक शख्स को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट का कहना था है कि आधी सजा पूरी किए बिना जमानत नहीं मिल सकती है।

    सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

    सुप्रीम कोर्ट के जज अभय ओका और जस्टिस उज्जवल भुयान ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सवालों के कठघरे में खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट में अपील सुनवाई के लंबित हो और जल्दी सुनवाई के कोई आसार नहीं दिख रहे हो, तो सजा पाए व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है।

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    हाई कोर्ट से जताई नाराजगी

    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें यह देखकर हैरानी हुई है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपना नया कानून बना लिया है, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है। हाई कोर्ट को नसीहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको मौजूदा कानून के हिसाब से काम करना चाहिए।

    क्या था हाई कोर्ट का फैसला?

    बता दें कि मध्य प्रदेश में आरोपी शख्स की जेब से संदिग्ध नोट बरादम हुए थे, जिसके कारण आरोपी जेल में बंद था। आरोपी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने अपने गुनाहों पर कोई सफाई नहीं दी है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती। आरोपी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी थी, लेकिन 2 महीने में उसने फिर से जमानत की अर्जी डाल दी। ऐसे में जब तक आरोपी आधी सजा नहीं काट लेता, उसे जमानत नहीं मिल सकती है।

    हाई कोर्ट के इसी फैसले पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामूली मामले पर जमानत क्यों दी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय कई बार उच्च न्यायालयों को ऐसे मामलों में जमानत देने का निर्देश दे चुका है।

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