Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म कर हत्या के दोषी को सुनाई आजीवन कैद की सजा, हाईकोर्ट ने दी थी सजा ए मौत

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Sat, 22 Oct 2022 03:10 AM (IST)

    शीर्ष अदालत ने दोषी मोहम्मद फिरोज की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। परंतु दुष्कर्म और पाक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) के कुछ प्रविधानों के तहत सुनाई गई उम्र कैद की सजा के परिणामस्वरूप दोषी अंतिम सांस तक जेल में ही रहेगा।

    Hero Image
    सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कैद में बदला

    नई दिल्ली, प्रेट्र: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दुष्कर्म व हत्या के एक मामले में अपने पहले की सजा में बदलाव करते हुए कहा कि दोषी 20 साल कैद की सजा काटने के बाद रिहा होगा। शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल के अपने आदेश में दोषी मोहम्मद फिरोज की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। परंतु, दुष्कर्म और पाक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) के कुछ प्रविधानों के तहत सुनाई गई उम्र कैद की सजा के परिणामस्वरूप दोषी अंतिम सांस तक जेल में ही रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फिरोज ने अप्रैल 2013 में मध्य प्रदेश में चार साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। सत्र अदालत ने उसे फांसी और सह आरोपित राकेश चौधरी को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने चौधरी को रिहा कर दिया था और फिरोज की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस एसआर भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने दोषी के अंतिरम आवेदन को समीक्षा याचिका मानते हुए सजा में बदलाव किया और कहा कि सभी अपराधों के लिए वह 20 वर्ष तक जेल में कैद की सजा काटेगा।