उधार की सीमा के खिलाफ केरल सरकार ने याचिका की दायर, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केरल सरकार की याचिका पर केंद्र से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ने उधार लेने की सीमा तय कर राज्य के शक्तियों में हस्तक्षेप किया है। केरल सरकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य को पैसे की तत्काल जरूरत है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की याचिका पर केंद्र से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ने उधार लेने की सीमा तय कर राज्य के शक्तियों में हस्तक्षेप किया है।
वित्तीय संकट रोकने के लिए तत्काल आदेश की मांग
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा कि वह मुकदमे के साथ राज्य द्वारा दायर उस आवेदन पर भी प्रतिक्रिया दाखिल करें जिसमें आसन्न वित्तीय संकट रोकने के लिए तत्काल आदेश की मांग की गई है।
अटॉर्नी जनरल ने याचिका पर उठाया सवाल
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मामले में मुकदमा कैसे दायर किया जा सकता है, जब सवाल आर्थिक नीति के बारे में है? राज्य सरकार मुकदमा दायर करके अपनी विफलता छिपा रही है। केरल सरकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य को पैसे की तत्काल जरूरत है।
उधार की सीमा से राज्य की क्षमता प्रभावित
उधार लेने पर लगाई गई सीमा से खर्चों को पूरा करने की राज्य की क्षमता प्रभावित हो रही है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अटार्नी जनरल से कहा कि बेहतर होगा कि केंद्र मुकदमे पर अपना जवाब दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
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