मोइरंगथेम आनंद सिंह की जमानत याचिका पर SC ने NIA से पूछे सवाल, हथियार लूटने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से मोइरंगथेम आनंद सिंह के खिलाफ मुकदमे की स्थिति पर जवाब मांगा है जिन्हें मणिपुर में राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर में राष्ट्र के खिलाफ ''युद्ध छेड़ने'' और म्यांमार स्थित कुछ विद्रोही संगठनों के साथ कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार आरोपित मोइरंगथेम आनंद सिंह के खिलाफ मुकदमे की स्थिति जानने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अप्रैल में उसकी जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आनंद सिंह के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को सितंबर, 2023 में गिरफ्तार किया गया था और पूछताछ के लिए राष्ट्रीय राजधानी लाया गया था। तब से वह जेल में बंद है।
पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने का आरोप
बता दें कि मणिपुर में पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में वह भी था। बहरहाल, पीठ ने कहा, ''हम आपकी जमानत की अर्जी पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।''
वकील ने कहा कि मामले में याचिकाकर्ता को छोड़कर बाकी सभी आरोपितों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। पीठ ने कहा, ''हो सकता है। आप अपनी भूमिका देखें। आपको विशिष्ट भूमिकाएं सौंपी गई हैं। आप उस गाड़ी के मालिक हैं जिसमें छद्म वर्दी पहने और हथियार लिए लोग हैं।''
4 हफ्ते बाद मामले की सुनवाई
वकील ने दलील दी कि आरोपपत्र दाखिल होने के बावजूद आज तक आरोप तय नहीं किए गए। पीठ ने कहा, ''मुकदमे की स्थिति जानने के लिए नोटिस जारी करें'' और मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद तय की।
हाईकोर्ट ने इस आधार पर उसे जमानत देने से इन्कार कर दिया था कि वह फरार हो सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है। हाईकोर्ट ने माना कि एनआईए ने उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला स्थापित किया है, जो कथित अपराधों में उसकी संलिप्तता का संकेत देने वाले ठोस सबूतों पर आधारित है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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