Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने की मांग पर केंद्र सरकार से जवाब तलब, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 07:44 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में अत्याधिक जनसंख्या की समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए नियम-कायदे और दिशानिर्देश बनाने को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई गई है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है।

    Hero Image
    जनसंख्‍या नियंत्रण कानून की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है।

    नई दिल्ली, एजेंसी। अत्याधिक जनसंख्या की समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए नियम-कायदे और दिशानिर्देश बनाने के केंद्र को निर्देश देने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश राय की पीठ ने इसके साथ ही याचिका को इसी तरह की लंबित याचिकाओं के साथ संलग्न कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिका में यह दी गई दलील

    अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव दंडी स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि हर साल जनसंख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन संसाधन सीमित हैं और लगातार बढ़ती जनसंख्या का बोझ नहीं सह सकते। तेजी से बढ़ती बेरोजगारी व गरीबी और सीमित खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के मद्देनजर सरकार के पास और कोई रास्ता नहीं है।

    प्रभावी नियम बनाने का निर्देश देने की मांग 

    जनहित याचिका में अत्यधिक जनसंख्या की वजह से भारत के करोड़ों नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार को प्रभावी नियम-कायदे और दिशानिर्देश बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। कहा गया है कि अत्यधिक जनसंख्या कई गंभीर समस्याओं को बढ़ा रही है जो देश के करोड़ों नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित कर रही है।

    ...ताकि फैलाई जाए जागरूकता 

    इसमें सरकार को महीने के पहले रविवार को स्वास्थ्य दिवस घोषित करने के निर्देश देने की मांग भी की गई है ताकि अत्याधिक जनसंख्या के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और आर्थिक रूप से कमजोर व गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम, विभिन्न टीकों इत्यादि का वितरण किया जा सके। वैकल्पिक तौर पर विधि आयोग को तीन महीने के भीतर जनसंख्या नियंत्रण कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए जाएं और उसे समुचित विचार के लिए प्रतिवादी (सरकार) को सौंपा जाए। 

    comedy show banner