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    'अपनी सीमाएं लांघ रहा है ED, यहां कैसे छापामारी कर सकती है एजेंसी?', पढ़ें SC ने किस मामले पर ऐसा कहा

    Updated: Thu, 22 May 2025 08:34 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिर से ईडी की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ईडी सभी सीमाएं लांघ रही है। शासन की संघीय अवधारणा का उल्लंघन कर रही है। ये सख्त टिप्पणियां प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने तमिलनाडु सरकार और टीएएसएमएसी की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कीं।

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    सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए।(फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले महीनों में कई बार ईडी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते रहे सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फिर से कठघरे में किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ईडी सभी सीमाएं लांघ रही है। शासन की संघीय अवधारणा का उल्लंघन कर रही है।

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    इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने शराब की दुकानों के लाइसेंस देने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर तमिलनाडु में संचालित शराब खुदरा विक्रेता तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग में ईडी की छापेमारी और जांच पर रोक लगा दी।

    सुप्रीम कोर्ट में दी गई मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती 

    ये सख्त टिप्पणियां प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ ने तमिलनाडु सरकार और टीएएसएमएसी की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कीं। तमिलनाडु सरकार और टीएएसएमएसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।

    हाई कोर्ट ने टीएएसएमएसी के मुख्यालय पर ईडी की तलाशी और छापे के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। मामले पर सुनवाई के दौरान सीजेआइ गवई ने ईडी की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि आपकी ईडी सारी हदें पार कर रही है।

    कम से कम इस केस में तो ईडी सीमा नहीं पार कर रहा: एएसजी

    कोर्ट ने सवाल किया कि कॉरपोरेशन के खिलाफ अपराध कैसे हो सकता है। आप देश के संघीय ढांचे की अवधारणा का उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि एएसजी ने आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह 1000 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने कहा कि कम से कम इस केस में तो ईडी सीमा नहीं पार कर रहा है।

    इससे पहले तमिलनाडु सरकार और निगम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अमित आनंद तिवारी ने कहा कि टीएएसएमएसी एक निगम है जो शराब की दुकानों के लाइसेंस दे रहा है और राज्य सरकार ने पाया कि जिन लोगों को दुकानें दी गई हैं उनमें से कुछ लोग वास्तव में नगद ले रहे हैं और राज्य सरकार ने स्वयं 2014 से शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन के मामले में 40 से अधिक एफआइआर दर्ज की हैं। लेकिन ईडी ने 2025 में निगम टीएएसएमएसी के मुख्यालय पर छापा मारा है और सभी फोन आदि सामान ले गए हैं।

    क्या निगम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज की जा सकती है: कोर्ट 

    इस पर कोर्ट ने ईडी से सवाल किया कि निगम के खिलाफ कैसे अपराध बनता है आप राज्य द्वारा संचालित टीएएसएमएसी पर कैसे छापा मार सकते हैं। पीठ ने कहा कि आप व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं लेकिन निगम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर सकते हैं?

    आप का ईडी सभी सीमाएं लांघ रहा है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि इस बीच याचिकाकर्ताओं के संबंध में आगे की कार्रवाई पर रोक लगी रहेगी। टीएएसएमएसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ईडी ने टीएएसएमएसी के अधिकारियों के फोन की क्लोन प्रतियां प्राप्त कर ली हैं जो कि गोपनीयता का उल्लंघन है। सिब्बल ने कहा कि ईडी द्वारा लिए गए फोन और डिवाइस के डेटा का उपयोग करने से रोका जाना चाहिए। यह निजता का मामला है। पीठ ने कहा कि कोर्ट पहले ही अंतरिम आदेश दे चुका है और आगे कोई निर्देश नहीं दे सकता।

    ईडी की ओर से पेश एएसजी ने कहा कि वह मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे। यह मामला तमिलनाडु में कथित तौर पर 1000 करोड़ के शराब घोटाले से संबंधित है। मार्च में ईडी की छापेमारी के बाद आरोप सामने आए कि डिस्टलरी कंपनियों ने कथित राशि निकाल ली और उसका उपयोग टीएएसएमएसी से और अधिक आपूर्ति के आर्डर प्राप्त करने के लिए किया। इसमें जहां टीएएसएमएसी के अधिकारियों पर कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगा है वहीं इसकी दुकानों पर वास्तविक एमआरपी से अधिक राशि वसूलने का आरोप है।

    ईडी ने टीएएसएमएसी में भ्रष्टाचार के संबंध में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय द्वारा दर्ज 41 एफआइआर के आधार पर मामला दर्ज किया। 23 अप्रैल को हाई कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य और टीएएसएमएसी की ईडी द्वारा मुख्यालय की तलाशी को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थीं।

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