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    सुप्रीम कोर्ट की तमिलनाडु के राज्यपाल को फटकार, पोनमुडी को दोबारा मंत्री बनाने से इनकार करने पर जताई नाराजगी

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Thu, 21 Mar 2024 04:36 PM (IST)

    Supreme Court to Tamil Nadu Governor पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से शामिल करने से इनकार करने पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। राज्यपाल के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने उन्हें 24 घंटे के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। फैसले में कहा गया कि रवि सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं।

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    Supreme Court to Tamil Nadu Governor सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को लगाई फटकार।

    पीटीआई। Supreme Court to Tamil Nadu Governor सुप्रीम कोर्ट ने द्रमुक के वरिष्ठ नेता के पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से शामिल करने से इनकार करने पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को फटकार लगाई है। राज्यपाल के आचरण पर 'गंभीर चिंता' व्यक्त करते हुए कोर्ट ने उन्हें 24 घंटे के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया। इसमें कहा गया कि रवि सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं।

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     पोनमुडी को मंत्री बनाने से किया था इनकार

    मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सिफारिश के बावजूद, राज्यपाल ने पोनमुडी को फिर से शामिल करने से इनकार कर दिया है, जिनकी आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने और तीन साल की सजा पर शीर्ष अदालत ने हाल ही में रोक लगा दी थी।

    मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आश्चर्य जताया कि राज्यपाल कैसे कह सकते हैं कि पोनमुडी की दोबारा नियुक्ति संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ होगी।

    सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

    कोर्ट ने कहा, "मिस्टर अटॉर्नी जनरल, हम राज्यपाल के आचरण को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। हम इसे अदालत में ज़ोर से नहीं कहना चाहते थे, लेकिन वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना कर रहे हैं। जिन लोगों ने उन्हें सलाह दी है, उन्होंने उन्हें ठीक से सलाह नहीं दी। अब राज्यपाल को सूचित किया जाना चाहिए कि जब सर्वोच्च न्यायालय किसी दोषसिद्धि पर रोक लगाता है, तो वह अब दोषी नहीं है।''

    पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि अगर हमारा आदेश नहीं माना गया, तो हम राज्यपाल को संविधान के अनुसार कार्य करने का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित करेंगे। 

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