इंफ्लुएंसर के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज किया, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकारा
सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल के इंटरनेट मीडिया इंफ्लुएंसर पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को झूठा पाते हुए उसे जमानत दे दी। इंफ्लुएंसर पर आरोप था कि उसने 40 साल की एक महिला से दुष्कर्म किया है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पाया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद शिकायतकर्ता अदालत में प्रस्तुत नहीं हुई।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल के इंटरनेट मीडिया इंफ्लुएंसर पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को झूठा पाते हुए उसे जमानत दे दी। इंफ्लुएंसर पर आरोप था कि उसने 40 साल की एक महिला से दुष्कर्म किया है।
अदालत में पेश नहीं हुई पीड़िता
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पाया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद शिकायतकर्ता अदालत में प्रस्तुत नहीं हुई।
दिल्ली पुलिस ने किस आधार पर केस दर्ज किया- पीठ
पीठ ने तीखी टिप्पणी करते हुए दिल्ली पुलिस से पूछा कि जब महिला स्वेच्छा से इंफ्लुएंसर के साथ गई थी तो आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा कैसे लिखा जा सकता है। एक हाथ से ताली नहीं बज सकती। दिल्ली पुलिस ने किस आधार पर धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया। वह महिला बच्ची नहीं है। 40 साल की उम्र है उसकी। वे दोनों साथ में जम्मू गए थे। महिला सात बार जम्मू जा चुकी है और उसके पति को कोई चिंता नहीं हुई।'
दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे
कोर्ट ने ये भी गौर किया कि दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे। इससे पहले कोर्ट ने पाया कि आरोपित के नौ महीने जेल में बिताने के बाद भी आरोप तय नहीं हुए हैं, जिस पर आरोपित को अंतरिम जमानत दी गई थी।
महिला 2021 में इंफ्लुएंसर के संपर्क में आई थी
पुलिस के मुताबिक वह महिला 2021 में इंफ्लुएंसर के संपर्क में आई थी। दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत न मिलने पर आरोपित ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। गौरतलब है कि आरोपित दिल्ली का रहनेवाला है, जबकि महिला नोएडा से संबंध रखती है। कपड़े के ब्रांड प्रमोशन को लेकर महिला इंफ्लुएंसर से संपर्क में आई थी।
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