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    'कुत्ते हिंसक हैं या नहीं, कैसे तय होगा...', Stray Dogs पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मेनका गांधी ने दिया ये सॉल्यूशन

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 12:47 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी इलाके में वापस छोड़ा जाए। रेबीज से पीड़ित या आक्रामक कुत्तों को अलग रखा जाएगा। कोर्ट ने कुत्तों के लिए विशेष खाने की जगहें बनाने और नगर निगमों को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर स्थापित करने का भी निर्देश दिया है।

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    मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले को लेकर पशु अधिकार कार्यकर्ता और बीजेपी नेता मेनका गांधी ने स्वागत किया है। 

    बता दें सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने आदेश दिया है कि शेल्टर होम भेजे गए सभी आवारा कुत्तों को छोड़ दिया जाए।

    मेनका गांधी ने कोर्ट के आदेश का समर्थन किया कि कुत्तों के लिए विशेष खाने की जगहें बनाई जाएं और इस बात पर जोर दिया कि 25 साल बाद पहली बार सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए संसद में 2500 करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है।

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    'कुत्ते हिंसक हैं या नहीं कैसे तय होगा?'

    मेनका गांधी ने कहा, "मैं इस वैज्ञानिक फैसले से बहुत खुश हूं। कुत्तों के काटने की मुख्य वजह डर और जगह बदलना है। रेबीज से पीड़ित कुत्तों को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। कोर्ट ने यह साफ नहीं किया कि आक्रामक कुत्ता कौन सा है, इसकी परिभाषा तय होनी चाहिए।"

    उन्होंने बताया, "हम यह तय करने का प्रयास करेंगे कि आक्रामक कुत्ते कौन हैं। कानून के अनुसार, इस मामले पर एक समिति गठित की जाती है, जो यह तय करती है कि किस तरह के व्यवहार को आक्रामक माना जाएगा।"

    ऐसे बहुत से लोग हैं जो कुत्तों के प्रति मित्रवत नहीं हैं और वे निर्णय में दिए गए खंड का फायदा उठा सकते हैं तथा कुत्तों को आक्रामक बता सकते हैं, ताकि उन्हें कैद में रखा जा सके।

    मेनका गांधी, बीजेपी नेता

    उन्होंने कहा, "खाने की विशेष जगहें बनाना सही है। नगर निगम को ऐसी जगहों के लिए साइनबोर्ड भी लगाने होंगे। कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला पूरे देश पर लागू होगा। आदेश के मुताबिक, नगर निगमों को उचित एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर बनाना होगा। 25 साल में पहली बार सरकार ने संसद में कहा कि इस कार्यक्रम के लिए 2500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।"

    सुप्रीम कोर्ट ने ताजा आदेश में क्या कहा?

    सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने 11 अगस्त के पुराने आदेश में बदलाव किया और दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर नया निर्देश दिया।

    कोर्ट ने कहा कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा, लेकिन रेबीज से पीड़ित या आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को अलग रखा जाएगा।

    कोर्ट ने साफ किया, "नसबंदी और टीकाकरण के बाद आवारा कुत्तों को उसी इलाके में छोड़ा जाएगा, सिवाय उन कुत्तों के जो रेबीज से पीड़ित हों या आक्रामक व्यवहार दिखाएं।"

    कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना नहीं दिया जाएगा। इसके बजाय, विशेष खाने की जगहें बनाई जाएंगी। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया गया कि वह अपने वार्डों में खाने की जगहें बनाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि पशु प्रेमी एमसीडी के सामने कुत्तों को गोद लेने के लिए आवेदन दे सकते हैं।

    राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए कोर्ट का आदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने पर विचार करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन विभाग के सचिवों को नोटिस जारी किया।

    कोर्ट ने अपने रजिस्ट्री को आदेश दिया कि वह उन सभी हाई कोर्ट से जानकारी ले, जहां आवारा कुत्तों से संबंधित याचिकाएं लंबित हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट की वकील और याचिकाकर्ता ननिता शर्मा ने इस फैसले को "संतुलित" बताते हुए इसकी तारीफ की।

    उन्होंने कहा, "यह एक संतुलित आदेश है। कोर्ट ने सभी राज्यों को इस मामले में शामिल किया है। सभी राज्यों में कुत्तों से संबंधित लंबित मामले एक कोर्ट के तहत लाए जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि सामान्य कुत्तों की नसबंदी होगी और आक्रामक कुत्तों को पाउंड या पशु आश्रयों में रखा जाएगा। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि एमसीडी कुत्तों के लिए विशेष खाने की जगहें बनाए।"

    सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश में क्या कहा गया था?

    11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के सभी इलाकों को आवारा कुत्तों से मुक्त करना होगा और इसमें कोई समझौता नहीं होगा।

    कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि किसी भी पकड़े गए कुत्ते को सड़कों पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा।

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