जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, कैश कांड से जुड़ा है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा से कैश कांड पर सवाल किया जिन्होंने जांच रिपोर्ट के खिलाफ याचिका दायर की है। जस्टिस दीपांकर दत्त और एजी मसीह की बेंच ने जस्टिस वर्मा से कई सवाल पूछे। वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस वर्मा का पक्ष रखते हुए कहा कि जज सार्वजनिक बहस का हिस्सा नहीं हो सकते।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा से कैश कांड पर सवाल पूछा है। जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर आज सुनवाई हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्त और एजी मसीह की बेंच ने जस्टिस वर्मा से याचिका पर कई सवाल पूछे। इस याचिका में जस्टिस वर्मा ने इन-हाउस जांच रिपोर्ट को गलत बताया है।
कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष
वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस वर्मा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष रखा। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 124 का हवाला देते हुए कहा कि जज सार्वजनिक बहस का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। कपिल सिब्बल ने कहा-
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर वीडियो रिलीज किया गया। सार्वजनिक रूप से यह मुद्दा बहस का विषय बन गया। मीडिया में भी आरोप लगाए गए। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। संविधान ने जस्टिस के खिलाफ ऐसे कदम उठाने पर पाबंदी लगा रखी है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप जांच कमेटी के सामने प्रस्तुत क्यों हुए? इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
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