पूर्व सांसद फैजल से सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल, पूछा- किस मौलिक अधिकार का हुआ उल्लंघन
फैजल के वकील ने कहा कि दोष सिद्धि पर रोक लगने के बावजूद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल नहीं की और इसके कारण वह बजट सत्र में भाग नहीं ले पाए। इससे उनके चुनावी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सदस्यता बहाल करने की मांग कर रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पूर्व सांसद मोहम्मद फैजल से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सवाल किया कि उनके किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है जो उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
क्या कहा फैजल ने
फैजल के वकील ने कहा कि दोष सिद्धि पर रोक लगने के बावजूद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल नहीं की और इसके कारण वह बजट सत्र में भाग नहीं ले पाए। इससे उनके चुनावी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। कोर्ट का दूसरा सवाल था कि क्या चुनावी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना मौलिक अधिकार है? कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत याचिका मौलिक अधिकार के हनन पर दाखिल की जाती है। आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए।
फैजल की सदस्यता बहाल करने की याचिका
वकील द्वारा पहले से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने की दुहाई दिये जाने पर कोर्ट फैजल की सदस्यता बहाल करने की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने को राजी हो गया। अब कोर्ट बुधवार को मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के खिलाफ दाखिल लक्षद्वीप प्रशासन की याचिका और सदस्यता बहाल करने की फैजल की याचिका पर एक साथ सुनवाई करेगा।
क्या है पूरा मामला
हत्या के प्रयास अपराध में दोषी ठहराकर 10 वर्ष के कारावास की सजा होने के बाद फैजल अयोग्य हो गये थे और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गयी थी। फैजल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सदस्यता बहाल करने की मांग करते हुए कहा है कि केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा और दोषसिद्धि दोनों पर रोक लगा दी गई है इसके बावजूद उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल नहीं की गई है जो कि गलत है।
इसके अलावा लक्षद्वीप प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर रखी है जिसमें मोहम्मद फैजल की सजा और दोष सिद्धि पर रोक लगाने के केरल हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई होगी अहम
मोहम्मद फैजल की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई अहम होगी क्योंकि इस मामले का असर कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी के मामले में भी पड़ सकता है। मानहानि के मुकदमे में दो वर्ष की सजा होने के वाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई है।
कोर्ट की ओर से मंगलवार को पूछे गए सवाल सीधे सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल करने की तरफ इशारा भी दे गए हैं। मंगलवार को लक्षद्वीप प्रशासन और मोहम्मद फैजल दोनों की याचिकाएं न्यायमूर्ति केएम जोसेफ व न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई पर लगीं थी।
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