युवक के लिए निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर विचार करने को बनाए बोर्ड, सुप्रीम कोर्ट का AIIMS को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल से कोमा में जी रहे युवक के मामले में एम्स को मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है ताकि निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर विचार किय ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को दिया बोर्ड बनाने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल से कोमा में या अचेत अवस्था में जी रहे युवक की तकलीफ के मद्देनजर गुरुवार को एम्स को क्वाड्रिप्लेजिया पीडि़त युवक की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करने और इस पर रिपोर्ट पेश करने के लिए सेकेंडरी बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया कि क्या निष्क्रिय इच्छामृत्यु या पैसिव यूथेनेशिया के तहत युवक का जीवन बचाने वाला इलाज रोका जा सकता है या नहीं।
क्वाड्रिप्लेजिया एक प्रकार का लकवा होता है। निष्क्रिय इच्छामृत्यु में मौत प्रत्यक्ष रूप से नहीं दी जाती, बल्कि जीवन रक्षक उपकरण या जीवित रखने के लिए आवश्यक उपचार रोकने से मृत्यु स्वाभाविक रूप से होती है।
सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को दिया बोर्ड बनाने का आदेश
नोएडा के एक अस्पताल के प्राथमिक बोर्ड द्वारा पेश रिपोर्ट पर गौर करने के बाद जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। युवक की हालत बेहद दयनीय लग रही है।
इस बात पर गौर करते हुए कि डाक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हरीश राणा के ठीक होने की कोई संभावना नहीं है, पीठ ने कहा, अब हमें कुछ करना होगा। हम उसे इस तरह जीने नहीं दे सकते।
13 साल से कोमा में है क्वाड्रिप्लेजिया से पीड़ित युवक
मरीज के पिता की ओर से पेश हुईं वकील रश्मी नंदकुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले के अनुसार, अगला कदम मामले को सीएमओ द्वारा गठित द्वितीयक बोर्ड को भेजना है।पीठ ने कहा, ऐसी परिस्थितियों में अब हमें प्रक्रिया के अगले चरण की ओर बढ़ना चाहिए।
रोगी की जांच के लिए द्वितीयक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया जाए। हम एम्स से अनुरोध करते हैं कि वह द्वितीयक बोर्ड का गठन करे और हमें अगले बुधवार तक रिपोर्ट दे। पीठ ने कहा कि दस्तावेज जल्द से जल्द एम्स के निदेशक को भेजे जाएं।
निष्क्रिय इच्छामृत्यु पर विचार करने का निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने 26 नवंबर को नोएडा जिला अस्पताल को हरीश के लिए निष्कि्रय इच्छामृत्यु की संभावना तलाशने के लिए प्राथमिक बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि हरीश की स्वास्थ्य स्थिति बद से बदतर हो गई है।
कोर्ट ने सेक्टर 39 नोएडा के जिला अस्पताल से हरीश के पिता द्वारा दायर अर्जी पर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा था। याचिका में जिसमें उन्होंने अपने बेटे के लिए पैसिव यूथेनेशिया की मांग की थी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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