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    Bulldozer Action: 'आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, प्रशासन जज न बने'; बुलडोजर एक्शन पर SC की दो टूक

    SC on Bulldozer Action सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी परिवार के लिए घर सपने की तरह होता है। किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है। मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए। गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिले। बुलडोजर एक्शन पर पक्षपात नहीं हो सकता।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 13 Nov 2024 11:44 AM (IST)
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    Supreme Court on Bulldozer Justice: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सुनाया अहम फैसला।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Supreme Court on Bulldozer Justice। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने इस मामले पर सभी राज्यों को निर्देश देते हुए इस मामले पर सख्त टिप्पणी की।

    न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि सिर्फ आरोपी होने पर घर नहीं गिराया जा सकता, बिना मुकदमा किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। वहीं, इस मामले पर प्रशासन जज नहीं बन सकता। अगर अवैध तरीके से घर तोड़ा जाए तो मुआवजा मिले। 

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    कोर्ट ने कहा कि अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए। बिना किसी का पक्ष सुने सुनवाई नहीं की जा सकती। 

    अवैध निर्माण को हटाने का मौका दिया जाए: कोर्ट 

    कोर्ट ने आगे कहा कि नोटिस की जानकारी जिला अधिकारी (DM) को दी जाए। वहीं, सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को भी आदेश भेजा जाए। अवैध निर्माण हटाने का मौका देना चाहिए। नोटिस में जानकारी दी जाए कि मकान अवैध कैसे है। स्थानीय नगर निगम के नियम के मुताबिक नोटिस दिया जाए। वहीं, नोटिस दिए जाने के 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई न हो। 

    बुलडोजर एक्शन पर पक्षपात नहीं हो: कोर्ट

    कोर्ट ने फैसले पढ़ते हुए कहा,"कार्रवाई में मौजूद अधिकारियों का नाम रिकॉर्ड हो। वहीं, अवैध निर्माण का वीडियोग्राफी भी किया जाए।

    किसी भी परिवार के लिए घर सपने की तरह होता है। किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है। मकान मालिक को डाक से नोटिस भेजा जाए। गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिले। बुलडोजर एक्शन पर पक्षपात नहीं हो सकता। किसी का घर छीनना मौलिक अधिकार का हनन है। बुलडोजर एक्शन, कानून न होने का भय दिखता है। अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट 

    नोडल अधिकारी की मौजूदगी में हो बुलडोजर एक्शन: कोर्ट

    कोर्ट ने कहा कि अगर किसी मामले में आरोपी एक है तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए। पूरे परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हर जिले का डीएम अपने क्षेत्राधिकार में किसी भी संरचना के विध्वंस को लेकर एक नोडल अधिकारी को नियुक्त करेगा।

    कोर्ट ने आगे कहा कि नोडल अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगा कि संबंधित लोगों को नोटिस समय पर मिले। वहीं, नोटिस का जवाब भी सही समय पर मिल जाए। किसी भी परिस्थति में बुलडोजर की प्रक्रिया नोडल अधिकारी की मौजूदगी में ही हो। कोर्ट ने फैसले पढ़ते हुए ये भी कहा कि देश में होने वाली बुलडोजर कार्रवाई पर कोर्ट नजर रखेगी।