'केशवानंद भारती का फैसला 10 भाषाओं में उपलब्ध', CJI बोले- समाज के सभी वर्ग तक पहुंचने के लिए बनाया गया था वेब पेज
संविधान के बुनियादी संरचना सिद्धांत को निर्धारित करने वाला ऐतिहासिक केशवानंद भारती फैसला सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि 2023 में केशवानंद भारती मामले पर फैसले के 50 साल पूरे हो रहे हैं। समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचने के लिए हमने फैसले पर एक वेब पेज बनाया था।

पीटीआई, नई दिल्ली। संविधान के 'बुनियादी संरचना सिद्धांत' को निर्धारित करने वाला ऐतिहासिक केशवानंद भारती फैसला सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 10 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। शीर्ष अदालत ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब इस फैसले के 50 साल पूरे हो रहे हैं।
बुनियादी संरचना सिद्धांत पर 1973 के फैसले ने संविधान में संशोधन करने की संसद की व्यापक शक्ति को खत्म कर दिया और साथ ही न्यायपालिका को इसके उल्लंघन के आधार पर किसी भी संशोधन की समीक्षा करने का अधिकार दिया।
प्रधान न्यायाधीश ने क्या कहा?
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि 2023 में केशवानंद भारती मामले पर फैसले के 50 साल पूरे हो रहे हैं। समाज के व्यापक वर्ग तक पहुंचने के लिए हमने फैसले पर एक वेब पेज बनाया था। मैंने सोचा कि हम इसका भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर सकते हैं, क्योंकि भाषा संबंधी बाधाएं लोगों को वास्तव में अदालत के काम को समझने से रोकती हैं।
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अब यह फैसला 10 भारतीय भाषाओं-हिंदी, तेलुगु, तमिल, ओडिया, मलयालम, गुजराती, कन्नड़, बांग्ला, असमी और मराठी में उपलब्ध है। यह भारतीय भाषाओं में फैसलों का अनुवाद करने के हमारे प्रयासों के अनुरूप है।- प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट के 20 हजार फैसलों का हुआ है अनुवादः सीजेआई
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 20 हजार फैसलों का भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराया गया है और यह ई-एससीआर (इलेक्ट्रानिक वर्जन आफ सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स) पर उपलब्ध है। जिला अदालतें और वहां काम करने वाले वकील अब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को हिंदी में देख सकते हैं।
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