'उसे वजन कम करने के लिए जेल में रहने दो...', वकील की अजीब दलील सुन भड़कीं सुप्रीम कोर्ट की जज; दिया ये आदेश
Supreme Court News सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी ने हिरासत में बंद एक आरोपी की ओर से दायर राहत याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की। दलील देते हुए आरोपी के वकील ने उसके वजन बढ़ने की बात का जिक्र किया और कहा कि इसके चलते उसे राहत देनी चाहिए। इस पर जस्टिस बेला ने नाराजगी जाहिर की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज एक ऐसा मामला आया जिससे नाराज जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कुछ ऐसा कहा जो चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी ने हिरासत में बंद एक आरोपी की ओर से दायर राहत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की।
वकील के दलील सुन जस्टिस बेला हुईं नाराज
सुनवाई के दौरान आरोपी महिला के वकील ने दलील देते हुए कहा कि मेरी मुवक्किल का वजन अधिक है, इसलिए उन्हें राहत देते हुए बेल पर जेल से निकाला जाना चाहिए।
जज बोलीं- उसे हिरासत में रहने दें...
बार एंड बेंच के अनुसार, इस बात पर जस्टिस त्रिवेदी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 'क्या यह राहत का आधार होना चाहिए?'
इसके बाद वकील ने कहा कि वह अपनी मुवक्किल की बीमारियों का हवाला दे रहे थे। इस पर जज ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "उसे हिरासत में रहने दें ताकि उसका वजन कम हो जाए।"
जमानत मामलों पर पहले भी कर चुकी सख्त टिप्पणी
जस्टिस त्रिवेदी पहले भी आपराधिक मामलों में जमानत या इसी तरह की राहत देने पर सख्ती दिखाती रही हैं। मई 2024 में एक सुनवाई के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट को जमानत के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।
'सुप्रीम कोर्ट जमानत कोर्ट बन गया है'
उन्होंने कहा था कि जमानत के मामलों में सुप्रीम कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए। यह मेरी राय है। इसे हाई कोर्ट में जाकर खत्म कर देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट जमानत कोर्ट बन गया है।
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