आपदा तैयारियों से संबंधित याचिका पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, एक महीने के अंदर देना होगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी एक याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका में अग्निशमन सेवाओं और सड़क आपातकालीन प्रतिक्रिया जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में कमियों को दूर करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता, जिसने 2019 में सूरत में आग लगने की घटना में अपनी बेटी को खो दिया था, ने राष्ट्रीय भवन संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। अदालत ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

आपदा तैयारियों से संबंधित याचिका पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आपदा तैयारियों से संबंधित याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस याचिका में अग्निशमन सेवाओं, सड़क आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा तैयारी में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और कर्मियों की कमी का आकलन करने और उसे पूरा करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ एक ऐसे व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने 2019 में सूरत में आग लगने की घटना में अपनी बेटी को खो दिया था। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) सहित अन्य को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा।
याचिकाकर्ता ने क्या दावा किया?
व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राष्ट्रीय भवन संहिता, 2016 का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है और देशभर में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं।
याचिका में एनडीएमए और अग्निशमन सेवाओं के नियमों के कार्यान्वयन की निगरानी करने तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक आयोग के गठन का भी अनुरोध किया गया है।

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